नई दिल्ली। टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है. राजस्थान के देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गर्जुर ने (F46 वर्ग) भाला फेंक में दो मेडल जीते हैं. देवेंद्र झाझरिया ने रजत पदक और सुंदर सिंह ने कांस्य पदक हासिल किया. इसी के साथ भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में कुल 7 मेडल जीत लिए हैं.

स्वर्ण पदक श्रीलंका के Mudiyanselage Herath ने जीता है. उन्होंने 67.79 मीटर का थ्रो किया. वहीं देवेंद्र ने 64.35 मीटर और सुंदर सिंह ने 64.01 मीटर दूर भाला फेंका.

राजस्थान के चुरु जिले के देवेंद्र झाझरिया ने इससे पहले रियो पैरालंपिक- 2016 में गोल्ड मेडल जीता था. उनके नाम भारत की ओर से पैरालंपिक में दो बार गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है.

देवेंद्र ने रियो डे जेनेरो में जैवलिन थ्रो के एफ 46 इवेंट में 63.97 मीटर जैवलिन फेंककर एथेंस पैरालंपिक में 62.15 मीटर के 2004 के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए गोल्ड मेडल जीता था. देवेंद्र के पास अब कुल 5 पैरालंपिक मेडल हो गए हैं जिसमें से दो गोल्ड, दो सिल्वर और एक कांस्य है.

टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए सोमवार का दिन शानदार रहा है. अवनि लखेरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता. 19 साल की इस शूटर ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में पहला स्थान हासिल किया. उन्होंने 249.6 का स्कोर बनाया. पैरालंपिक्स के इतिहास में भारत का शूटिंग में यह पहला स्वर्ण पदक है.

वहीं योगेश कथुनिया ने भारत को डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल दिलाया. योगेश काठुनिया ने 2019 में दुबई में हुए वर्ल्ड पारा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर टोक्यो पैरालिंपिक्स में उतरने का टिकट कटाया था. योगेश ने टोक्यो मे मेडल का रंग बदलकर कांसे से चांदी का किया और दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया.

वहीं रविवार को महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल और ऊंची कूद के एथलीट निषाद कुमार ने रजत पदक जीते, लेकिन विनोद कुमार का चक्का फेंक की एफ52 स्पर्धा में कांस्य पदक उनके क्लासिफिकेशन को लेकर विरोध दर्ज होने के कारण रोक दिया गया.

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