दिल्ली. शराब प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है. शनिवार को हेने वाली जीएसटी काउंसिल की 26वीं बैठक में कई अहम मुद्दों पर फैसला किया जाएगा. कारोबारियों को राहत देने से लेकर लोगों को राहत देने तक का काम इस बैठक में किया जाएगा.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न को 3बी के जरिए फाइल करने की इजाजत दी जा सकती है वहीं पूरी उम्मीद है कि शराब को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा. शराब को जीएसटी के दायरे में लाने की दिशा में पहला कदम काउंसिल उठा सकती है. अगर इस बारे में सभी राज्यों के प्रतिनधियों के बीच आम राय बन गई तो एल्कोहल युक्त पेय बनाने में इस्तेमाल होने वाले एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल या ‘मानव के उपयोग वाले एल्कोहल’ को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है. सरकार पूरी तरह से ऐसा करने का मूड बना चुकी है.
खास बात ये है कि इस एल्कोहल से व्हिस्की, रम और बियर आदि एल्कोहॉलिक पेय बनाए जाते हैं. शेष 30 प्रतिशत ईएनए का प्रयोग दवा या फिर सौंदर्य प्रसाधन बनाने के काम में लाया जाता है.एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल (ईएनए) पर जीएसटी लगाने की केंद्र सरकार की यह दूसरी कवायद है, जिस पर इस समय राज्य सरकारें कर लगाती हैं. पीने वाले एल्कोहल को जीएसटी के बाहर रखा गया है, जबकि इसका कच्चा माल ईएनए अपरिभाषित क्षेत्र में है. अगर ऐसा होता है तो शराब के जीएसटी के दायरे में आने से पूरे देश में शराब सस्ती भी होगी.