कुमार इंदर, जबलपुर। टाइम पर नगरीय निकाय चुनाव कराने और निकाय चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया अपनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई की गई जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कल के लिए रख दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव को लेकर लगी याचिका को भी मंजूर करते हुए कल सुनवाई के लिए रख लिया है। याचिका में समय पर निकाय चुनाव कराने, परिसीमन और रोटेशन प्रक्रिया अपनाने की मांग की गई है।
निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर एक साथ होगी सुनवाई। बता दे कि कल सुप्रीम कोर्ट में निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव को लेकर कुल 7 याचिकाओं पर सुनवाई होना है। कल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से निकाय चुनाव को लेकर दिशा निर्देश मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
क्या पंचायत चुनाव में फंसेगा पेंच
जिस तरह से पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका को मंजूर कर किया गया है, अगर उस पर कोई फैसला आता है, या सुप्रीम कोर्ट उस पर कोई गंभीर टिप्पणी करता है तो ये कहा जा सकता है कि, पंचायत चुनाव में फिर से पेंच फंस सकता है।
हाइकोर्ट की इंदौर और ग्वालियर पीठ दे चुका स्टे
हाइकोर्ट की इंदौर पीठ ने भी नगर निकाय चुनाव आरक्षण को लेकर जारी नोटिफिकेशन को लेकर दायर याचिका पर स्टे दे चुका है। इसके पहले हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने भी 2 नगर निगम सहित 81 निकायों के महापौर-अध्यक्ष पद के आरक्षण पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि, बार-बार एक ही वर्ग के लिए आरक्षण करना अन्य वर्ग को चुनाव से बेदखल करना है। कोर्ट ने साफ कहा था कि, आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया को अपनाना जरूरी है।
कोर्ट कह चुका आरक्षण जरूरी
याचिका में कहा था कि, नगर निकाय चुनाव में जिन सीटों के लिए आरक्षण किया गया है, उनमें रोटेशन बिल्कुल भी नहीं किया गया है। लंबे समय से वही आरक्षण चला आ रहा है। 7 साल पहले जो सीट एससी या एसटी के लिए आरक्षित की गई थी। वह अब तक उसी वर्ग के लिए आरक्षित है, जबकि संविधान के अनुसार रोटेशन प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए। ऐसा करने से हर वर्ग को मौका मिल सकेगा। ग्वालियर कोर्ट के आदेश के अनुसार ही इंदौर कोर्ट ने भी आरक्षण को लेकर स्टे दिया है। कोर्ट ने रोटेशन प्रक्रिया लागू करने को कहा है।
हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ एमपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई है एसएलपी
आपको बता दें कि, निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने आनन फानन में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दाखिल की है। दो साल से टल रहे पंचायत और निकाय चुनाव को लेकर हाइकोर्ट में लगी थी याचिका। कांग्रेस नेत्री जया ठाकुर के अधिवक्ता वरुण सिंह ने पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव कराने को लेकर एमपी हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इसी याचिका पर कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सरकार की ओर से जब जवाब नहीं मिला तो कोर्ट ने सख्ती बरती। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि, राज्य निर्वाचन आयोग इलेक्शन करवाने के लिए तैयार है। फिर भी राज्य सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद कोर्ट ने सख्ती करते हुए सरकार से चुनाव का शेड्यूल पेश करने को कहा था, लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद भी जब सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया तो याचिकाकर्ता ने यही याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगा दी।