कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है, इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है. अक्षय नवमी का शास्त्रों में वही महत्व बताया गया है, जो वैशाख मास की तृतीया यानी अक्षय तृतीया का महत्व है. आंवला भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय फल है और आंवले के वृक्ष में सभी देवी देवता निवास भी करते हैं, इसलिए इस वृक्ष की पूजा अर्चना की जाती है. आंवले के पेड़ की 11 बार हाथ जोड़कर परिक्रमा करें. इस दिन कद्दू व सोने का दान देना बहुत शुभ माना जाता है. साथ ही गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आएं. Read More – Bigg Boss 17 : Isha Malviya और Samarth Jurel ने घर में की हदें पार, वायरल हो रहा Video …
आंवला नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि का प्रारंभ – 21 नवंबर सुबह 3 बजकर 16 मिनट से
नवमी तिथि का समापन – 22 नवंबर रात 1 बजकर 8 मिनट तक
ऐसे में उदयातिथि को मानते हुए 21 नवंबर दिन मंगलवार को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाएगा. Read More – बैक लेस टॉप में नजर आईं Urfi Javed
शुभ योग
आंवला नवमी के दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व भी काफी बढ़ गया है. इस के दिन शाम 8 बजकर 1 मिनट से अगले दिन 6 बजकर 49 मिनट तक रवि योग रहेगा. साथ ही इस दिन हर्षण योग भी बन रहा है. हालांकि इस पूरे दिन पंचक भी लग रहा है.
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