रायपुर। बीएमएस को छोड़कर देश के अन्य समस्त केंद्रीय ट्रेड यूनियन, राज्य, केंद्र, बैंक, बीमा और अन्य क्षेत्र के कर्मचारी संगठन मोदी सरकार की मजदूर विरोधी श्रम कानूनों में बदलाव और निजीकरण की मुहिम का तीव्र विरोध करते हुए संसद में इससे सम्बन्धित विधेयकों का 23 सितम्बर को समूचे देश में पुरजोर विरोध करेंगे।

इंटक के अध्यक्ष संजय सिंह, एच एम एस के कार्यकारी अध्यक्ष एचएस मिश्रा, एटक के महासचिव हरनाथ सिंह, सीटू के अध्यक्ष वी सान्याल व महासचिव एम के नंदी , ऐकटू के महासचिव बृजेन्द्र तिवारी, सीजेडआईईए के महासचिव धर्मराज महापात्र, बैंक कर्मी नेता शिरीष नलगोडवार, डी के सरकार , तृतीय वर्ग शास कर्म संघ अध्यक्ष राकेश साहू, केंद्रीय कर्मचारियों के नेता दिनेश पटेल, मानिक राम पुराम, आशुतोष सिंह, राजेन्द्र सिंह, बी एस एन एल के महासचिव आर एन भट्ट, एस टी यू सी के एस सी भट्टाचार्य ने एक संयुक्त विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार आपदा के समय लोगो की मदद करने की बजाय इसे पूंजीपतियों के लिए अवसर में बदलकर देश के मजदूर वर्ग को गुलाम बनाने के रास्ते पर आमादा है इसके लिए वह संसद तक का दुरुपयोग कर रहे है जिसके खिलाफ समूचे देश के मजदूर कल सड़कों पर उतरेंगे ।

20 सितंबर 2020 को इसे छत्तीसगढ़ म सफल बनाने संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच के आनलाईन मीटिंग साथी श्री संजय सिंह प्रदेश अध्यक्ष इंटक के अध्यक्षता में संपन्न हुई । मीटिंग में इंटक,,एटक,,सीटू,,एकटु, एचएमएस,तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ,,छत्तीसगढ़ जीवन बीमा,,रेलवे कर्मचारियों के संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए बैठक में सर्व सम्मत से निर्णय लिया गया कि मोदी सरकार के द्वारा सार्वजनिक उद्योग एवं वित्तीय संस्थानों को निजीकरण किए जाने के अभियान को रोकने के लिए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के द्वारा 23 सितंबर 2020 को राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाने का आवाहन किया गया है उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कोरोनावायरस की महामारी से लड़ने के लिए बनाए गए नियमों को पालन करते हुए पूरे राज्य में संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा । चूंकि राज्य में कोविड-19 का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है और उसी के संदर्भ में राज्य के कई जिलों में लॉक डाउन का ऐलान किया गया है, उसको पालन करते हुए स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्यस्थल, यूनियन कार्यालय परिसर , अपने घरों और सार्वजनिक स्थलों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि 3 लेबर कोड को लोकसभा में वापस लेने के बाद मोदी सरकार ने शनिवार को ही आनन फानन में नए नाम से 3 लेबर कोड को पुनः लोकसभा में पेश कर दिया।

पहले वाले लेबर कोड का नाम मे 2019 जुड़ा हुआ था ।नए वाले में 2020 । नए नाम हैं

1-कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशन2020
2-कोड ऑन सोसल सेकुरिटी 2020
3-कोड ऑन ओक्यूपेशनल सेफ्टी,हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन्स2020

3 लेबर कोडों की वापसी की घोषणा के कुछ ही घंटों में अफरातफरी में 3 लेबर कोडो को नए नाम से लोकसभा में पेश कर दिया गया।कोड ऑन सोसल सेकुरिटी 2020 का तो प्रस्तावना तक भी खाली है । इस बावत श्रम मंत्री ने कहा कि इसका प्रस्तावना अभी तैयार हो रहा है।।

यानी वगैर प्रस्तवना के बिल पटल में रखा गया। यह पूंजीपतियों की चाकरी का उसका नग्न चेहरा ही दिखता है । प्रदेश के मजदूर कल इसका तीव्र विरोध कर प्रदर्शन में इसकी प्रतियां भी जलाएंगे । ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने प्रदेश के मजदूरों से कल जबर्दस्त प्रतिरोध का आव्हान किया है । संयुक्त मंच ने प्रदेश के एन एच एम मजदूरों के आंदोलन का भी समर्थन करते हुए प्रदेश सरकार से दमन के बजाय उनसे बातचीत कर उनकी मांगों का समाधान किए जाने कीं मांग की है ।