संतोष राजपूत, राजनांदगांव। कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया अपनी सभा में लगातार दूसरे दिन भीड़ देखकर इतने गदगद हो गए कि वो छत्तीसगढ़ को उत्तर प्रदेश समझ बैठे और यहां के नेताओं को यूपी का नेता बता डाला. उनकी जुबान फिसली तो मंच पर मौजूद नेता बगलें झांकने लगे. लेकिन इसके बाद पुनिया ने संभलकर राज्य सराकर पर निशाना साधा

दरअसल ये आयोजन रमन सिंह द्वारा किसानों को बोनस देने पर अभिनंदन कार्यक्रम के ठीक एक दिन बाद था. कांग्रेस ने भाजपा को घेरने के लिए यहां संघर्ष रैली का आयोजन किया था. सबकी नज़रें इस बात पर टिकी थी कि भीड़ कांग्रेस कितना जुटा पाती है.

सभा स्थल को संबोधित करते हुए पुनिया ने राज्य सहित केन्द्र की भाजपा सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार कांग्रेस शासनकाल की योजनाओं का नाम बदलकर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार की नीतियों के कारण किसानों की हालत दयनीय है. उसके बाद भी राज्य सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार ने मात्र एक वर्ष के बोनस की घोषणा कर किसानों के साथ छल किया है. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के इस मुद्दे पर राज्य सरकार एक दिन का सत्र बुलाकर औपचारिकता निभा रहीं है. भूपेश ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने अपने दागी मंत्रियों को बचाने के लिए विधानसभा सत्र को बीच में समाप्त कर दिया. उन्होंने किसानों के लिए तत्काल सूखा राहत घोषित करने की मांग की.

सभा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव कमलेश्वर पटेल और अरूण उरांव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री चरणदास महंत, सांसद ताम्रध्वज साहू, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे, विधायक धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा आदि ने भी संबोधित किया. सबने किसानों के लिए एक सूर में तीन वर्षो के बोनस को ब्याज सहित देने की मांग की.

पीएल पुनिया के डोंगरगढ़ पहुंचने पर फूल माला , छत्तीसगढिया गमझा के साथ- साथ धान का कटोरा देकर जोरदार स्वागत किया. हांलाकि लगातार दूसरे दिन कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व की सभा में भारी भीड़ जुटी. इससे पहले धमतरी में भी हुई सभा में भीड़ जुटी थी.