कभी-कभी गर्म चाय-कॉफी की चुस्की जीभ के लिए भारी पड़ जाती है. जली जीभ से किसी चीज को खाने का स्वाद नहीं आता है. ऐसे में चिंता करने की कोई बात नहीं है, आज यहां कुछ घरेलू उपचार आपके लिए बताए जा रहे हैं. जिन्हें पढ़कर आप अपनी जली हुई जीभ को सही कर सकते हैं. जिसके बाद खाने का स्वाद भी आएगा और अटपटा भी नहीं लगेगा.

गर्म खाद्य या पेय पदार्थ के कारण जीभ जब जल जाती है तो जीभ में न सिर्फ खाने का स्वाद गायब होता है, बल्कि दर्द का एहसास भी होता है. तो आइए जानते हैं जली हुई जीभ को ठीक करने के उपाय.

हल्दी का प्रयोग

हमारे भारतीय व्यंजन में हल्दी प्रधान है. यह आयुर्वेद में उपचार के साथ खाने सहित कई अहम स्वास्थ लाभ के लिए प्रयोग में लाई जाती है. हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते है जो जली जीभ की सूजन को कम करने में मदद करते हैं. प्रयोग के लिए एक चौथाई चम्मच शहद के साथ अधा चम्मच थोड़ा दूध में मिलकार इसका पेस्ट बना लें. अब इसके ईयरबड से जीभ में 10 मिनट के लिए लगा लें. फिर मुंह धुल लें. इससे आराम मिलेगा.

दूध

यदि आपकी जीभ जल गई है तो दूध इसका बेहतर उपाय है. जली हुई जीभ में तुरंत दूध डालने से जलन में राहत मिल जाती है. दूध एक सूरक्षात्मक परत बनाता है जो प्रभावित एरिया को शांत करता है. जली जीभ में प्रयोग के लिए थोड़ा सा दूध मुंह में डालें और चारों ओर मसलें. ऐसा दिन में कई बार दोहरांए जली जीभ सही हो जाएगी.

बर्फ

जले हुए स्थान में बर्फ का प्रयोग करना एक प्रभावी उपाय है, इसमें जीभ भी शमिल है. बर्फ में सूजन रोधी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने के साथ चोट वाले स्थान को सही करने में मदद मिलती है. जली हुई जीभ पर आइस क्यूब तब रखें जब हल्का सुन्न महसूस हो रहा हो. 4 से 5 बर्फ के तुकड़े डालकर सेंक सकती हैं आराम मिलेगा.

दही

दही का प्रयोग भोजन के साथ कई अन्य काम में भी किया जाता है. इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण, जीवारोधी गुण और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद हैं. यह न केवल हेल्थ अच्छी करता है बल्कि जली जीभ में आराम प्रदान करता है. प्रयोग के लिए एक छोटी कटोरी में सादे दही का सेवन करें. इससे मुंह के छाले और जली जीभ में आराम मिलता है.

तुलसी के पत्ते

तुलसी आयुर्वेद में कई प्रमुख ट्रीटमेंट में इसका प्रयोग किया जाता है. यह जली जीभ में राहत दिलाने में सहायक है. इसमें एनाल्जेसिक सहित अन्य गुण होते हैं. जो जली जीभ में मदद करते हैं. हरे या काले रंग के तुलसी की पांच से छह पत्तियां लें, इसे अच्छी तरह धोकर रोज चबाएं. इससे जली जभी के साथ मुंह के छाले भी सही हो जाएंगे.

शहद

शहद चोट में अधिक फायदेमंद है. इसका सेवन सूजन कम करने के साथ बैक्टीरिया से लड़ने में किया जाता है. प्रयोग के लिए शहद लें और मुंह में कुछ देर के लिए घुलने दें. अब इसे धीरे धीरे निगलें. जिससे प्रभावित क्षेत्र सही हो सके. इस प्रक्रिया को दो से तीन बार दोहराएं.