मंत्री के बेटों का महकमे में दंगल
राज्य सरकार के एक महकमे के तमाम अफसर विभागीय मंत्री के बेटों से परेशान चल रहे हैं। मंत्री जी के बेटे आए दिन सरकारी काम में हस्तक्षेप कर रहे हैं। भोपाल में मंत्रालय के अफसरों के अलावा अलग-अलग संभागों और जिलों में भी मंत्री पुत्रों का फोन पहुंच जाता है। मंत्री जी का महकमा आम आदमी से सीधे ताल्लुक रखता है। ऐसे में मंत्री पुत्रों के दखल से कई काम सीधे जनता को प्रभावित कर रहे हैं। आए दिन गड़बड़ियां सामने आ रही है। हालत यह है कि भोपाल से जब इन गड़बड़ियों के मामले में जवाब तलब शुरू होता है तो अब अफसर इन मंत्री पुत्रों की तरफ इशारा करने लगे हैं। दखलअंदाजी की भनक अब ऊपर तक पहुंच गई है।

अनबन की वजह से हुआ तबादला
मध्यप्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में जुटे एक विभाग के 2 बड़े अफसरों के बीच अनबन की चर्चाएं मंत्रालय ने आम हो गई थी। इससे इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों का कामकाज भी प्रभावित हो रहा था। तनातनी इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि एक दूसरे की बात को काटा जाने लगा था। मंत्रालय की पांचवी मंजिल से मामला ठीक करने की काफी कोशिश की गई, लेकिन दोनों के तेवर नीचे नहीं आए तो आखिरकार तबादले का सहारा लेना पड़ गया है। अब नए तेज तर्रार अफसर पांचवी मंजिल को यह संदेश देने की कोशिश में जुटे हैं कि काम में तेजी आ गई है और नतीजे मिलने लगे हैं। हांलांकि पहले इतना कुछ बिगड़ चुका है कि केवल काम जलाने जैसी स्थिति ही काफी होगी।

एक विभाग को देना पड़ा मैसेज
वैसे तो इनवेस्टर्स समिट की तैयारियों में कई विभाग जुड़े हुए थे। बावजूद इसके एक अहम विभाग तैयारियों के मामले में नजरअंदाज हो रहा था। इससे विभाग के अमले और मंत्रालय के गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म होने लगा था। ऊपर की नाराजगी जैसी कानाफूसी होने लगी तो महकमे के अफसरों को स्टैंड लेना पड़ा। नजरअंदाजी की शिकायत ऊपर तक पहुंचाई गई तब इसका पता लगा। बाद में सीएम की तीसरी यात्रा में इस महकमे के अफसर को शामिल किया गया। हालांकि इसी महकमे में अहम भूमिका निभाने वाले एक अन्य अफसर अब भी नज़रों के इनायत होने का इंतजार कर रहे हैं।

‘शिव’ का वार, ‘प्रभु’ का यार
सीएम शिवराज का तेजतर्रार स्वरूप से सरकारी अमले में खलबली का माहौल है। किसी जिले का दौरा होते ही निलंबन और कार्यवाही जैसे शब्द आबोहवा में गूंज जाते हैं। बीते हफ्ते छिंदवाड़ा जिले के दौरे में सीएमएचओ पर गाज गिरी, वह कॉलेज के दिनों के दौरान विभागीय मंत्री का बैचमेट निकला। इलाके के लोग कहते हैं कि इसी पहचान से डॉक्टर साहब ने जिले के सीएमएचओ की कुर्सी हासिल की थी। डॉक्टर की लंबे अरसे से इसी जिले में पोस्टिंग थी। शिकायतें श्यामला हिल्स पहुंचने लगी तो शिवराज ने छिंदवाड़ा पहुंचकर तीसरी आंख खोलकर इंसाफ कर दिया।

राहुल की यात्रा के टॉप सीक्रेट्स
राहुल गांधी की यात्रा से एमपी कांग्रेस को कुछ मिला हो या नहीं लेकिन कांग्रेसियों को जरूर कुछ न कुछ मिला है। दरअसल पदयात्रा के दौरान या एकांत बैठक में कई कांग्रेसियों को राहुल गांधी से सीधी चर्चा का मौका मिला। इस मौके का सियासी हुनरमंदों ने भरपूर फायदा उठाया है। कई बातें कागज के जरिए पहुंचाई गईं तो कुछ कान में कही गई। यात्रा से लौटने के बाद सभी एर दूसरे से राहुल से हुई चर्चा के बारे में पूछ रहा है। लेकिन बताया वही जा रहा है जो बताना चाहिए। जो बातें कान में कही गई या कागज में दी गईं, वे नेता के सीने में दफ्न है। जो बताया जा रहा है वह केवल यही है कि राहुल गांधी परिपक्व नेता हैं, उनका विजन क्लियर है और वे मुद्दों को लेकर दिग्गज कांग्रेसियों से भी बेहतर है। बाकी सब दो नेताओं के बीच का टॉप सीक्रेट है।

दुमछल्ला…
मुख्य सचिव को लेकर आखिरी वक्त तक गफलत का माहौल रहा। एक पक्ष महसूस कर रहा था कि दिल्ली वाले अफसर विराजेंगे। क्योंकि वे इसी दिन भोपाल दौरे पर थे। खुद मुख्य सचिव और उनका दफ्तर रिटायरमेंट के लिए तैयार हो चुका था। लेकिन आखरी वक्त में 6 महीने के एक्सटेंशन के आदेश की आहट ने पांचवी मंजिल के अफसरों को आत्मविश्वास से भर दिया। एक मैसेज साफ हो गया कि आने वाले दिनों में कौन नेता वजनदार रहेगा।

(संदीप भम्मरकर की कलम से)

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