कांग्रेस की पिच पर बीजेपी की बल्लेबाज़ी
बीता हफ्ता विधानसभा में पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव के लिए जाना जाएगा। साल के आखिरी सत्र और चुनावी मॉड में जाने से पहले इस अविश्वास प्रस्ताव को काफी गंभीर समझा जा रहा था। माना जा रहा था कि कांग्रेस का यह अविश्वास प्रस्ताव भले ही गिर जाए, लेकिन इसे लेकर कांग्रेस नेता अंदर और बाहर धमाल ज़रूर करेंगे। जिस तैयारी और तेवर के साथ यह पेश किया गया, वह केवल सदन की कार्यवाही तक ही सीमित रहा। नेता प्रतिपक्ष और चार-छह कांग्रेस के ऊर्जावान विधायकों ने ही इसमें दिलचस्पी ली। कमलनाथ की गैरमौजूदगी देखकर कांग्रेस पूरे वक्त बीजेपी विधायकों के निशाने पर थे। आखिरी दिन नेता प्रतिपक्ष को भी अपनी माताजी की अस्वस्थता के चलते अनुपस्थित रहना पड़ा। पूरा दारोमदार युवा विधायकों ने उठाया, जो सदन की कार्यवाही तक सीमित रहा। उल्लेखनीय पहलू यह है कि बीजेपी सदन के अंदर और बाहर पूरी तरह सक्रिय रही। लेकिन कांग्रेस का संगठन पूरी तरह से नदारद नजर आया। कांग्रेस ने तो विधायकों के भाषण तक बाहर नहीं पहुंचाए। यानी कांग्रेस के द्वारा तैयार मैदान पर बीजेपी ने पूरी तरह मजे लिए।

पीएस विधानसभा के लिए कवायद
विधानसभा के मौजूदा प्रमुख सचिव एपी सिंह के रिटायरमेंट का वक्त आ गया है। आने वाले साल के मार्च में सिंह साहब रिटायर होने वाले हैं। लिहाज़ा इस खाली होने वाले पद को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है। वैसे तो यहां एपी सिंह सरीखी योग्यता और उपयोगिता वाले शख्स की खोजबीन की जा रही है। आपको यह ज़रूर बता दें कि विधानसभा के ही अफसर इसके कुर्सी के स्वाभाविक उम्मीदवार होते हैं। एक अफसर तो सीधे दावेदार हैं, दूसरे उनसे जूनियर हैं जिनका आईएएस बनने का ख्वाब भी अब तक अधूरा ही साबित हो रहा है। लेकिन सूबे के कुछ नीति निर्धारक यहां न्यायिक सेवा से आयात करने की योजना भी बना रहे हैं। सब कुछ प्लानिंग का हिस्सा है। टेबल चर्चा अगले महीने से शुरू हो जाएगी, इसके बाद फैसला होने की उम्मीद है। हालांकि विधानसभा कैडर के अफसर लंबे वक्त से प्रमोशन का इंतज़ार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस उठापटक के दौरान शायद उनके रुके हुए प्रमोशन का रास्ता भी साफ हो जाए।

पांच लाख के चढ़ावे से रुकी अर्जी
बात उस मैडम की जो पखवाड़े भर पहले देवर वाले एक वायरल वीडियो के ज़रिए खूब चर्चाओं में रही थी। मैडम को एक खास विशेषण के साथ क्ववीन की संज्ञा दी जाती है। एक सीक्रेट यह पता चला है कि मैडम के कारनामों को उजागर करने के लिए एक हुनरमंद ने अदालत में अर्जी लगाने की तैयारी कर ली। भनक जब मैडम को लगी तो तुरंत संपर्क साधकर सेटलमेंट के प्रयास शुरू हुए। हुनरमंद भी पांच लाख की पट्टी मुंह पर बांधने को तैयार हो गया है और अब मैडम और उनके आसपास के लोगों ने ठण्डी सांस ले ली है। एक सीक्रेट यह भी खोल देते हैं कि मैडम से संपर्क करने की कोशिश करने वालों की तादाद बढ़ गई है। लिस्ट काफी लंबी होती जा रही है। सुना तो यह भी है कि जिस विभाग में मैडम पदस्थ रही हैं, वहां अचानक आरटीआई की अर्जी लगाने वालों की बाढ़ आ गई है। महकमे के अफसर अब इस बात से परेशान है कि बंद फाइलों की आंच उन तक आई तो बचना मुश्किल होगा। चुनावी साल में बचाने वालों की तादाद कम हो जाती है, यह बात नौकरशाही बहुत बेहतर समझती है।

दबंग मैडम की मंत्रालय में भी दबंगई
अब दूसरी मैडम की बात जो अपनी दबंगई की वजह से पहले से ही फेमस है। मूलत: बिहार की ये आईएएस मैडम कांग्रेस सरकार में एक दबंग कांड की वजह से काफी मशहूर हुई थी। इस कांड की वजह से वे बीजेपी के आला नेताओं के निशाने पर आ गई थीं। तेज़ तर्रार मेडम के जलवे मंत्रालय में यदा-कदा देखने को मिल जाते हैं। बीते हफ्ते की ही बात है, विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से मिलने के लिए मैडम का आगमन हुआ। चूंकि सेंट्रलाइज्ड एयरकंडीशनर सिस्टम वाली मंत्रालय बिल्डिंग में कोरोना संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है, इसलिए केंद्र और राज्य की चेतावनी के बाद एसीएस साहब ने अपने कक्ष में मास्क के बगैर एंट्री पर रोक लगा दी है। मैडम द्वारपाल के स्मरण दिलाने के बावजूद दो मातहतों के साथ धड़ाक से बगैर मास्क ही प्रवेश कर गईं। अफसर मैडम को देखकर केवल मन मसोस कर रह गए। अब उनके जाने के बाद द्वारपाल और बाकी स्टाफ को इस पर सख्ती बरतने के निर्देश प्रसारित किए गए हैं। इसे लेकर संशय बरकरार है कि मैडम अगली बार मास्क पहनकर ज़रूर आएंगी।

प्रसाद बन गई आश्रम की ढाई ट्रक गिट्टी
पंडित प्रदीप मिश्रा की प्रसिद्धि और लोकप्रियता जिस तरह बढ़ती जा रही है, उसी तरह सीहोर में उनके आश्रम निर्माण का काम भी आगे बढ़ता जा रहा है। यहां आने वालों की तादाद भी बढ़ गई है। दूर-दराज प्रदेशों से आने वाले लोग यहां अभिमंत्रित रुद्राक्ष लेने की उम्मीद में आते हैं। लेकिन अत्यधिक श्रद्धा और आस्था की वजह से श्रद्धालु यहां की मिट्टी और गिट्टी तक अपने साथ ले जा रहे हैं। आलम यह है कि यहां श्रद्धालुओं का सैलाब ढाई ट्रक गिट्टी को गायब कर चुका है। श्रद्धालुओं के लिए तो यह प्रसाद स्वरूप है, लेकिन आश्रम का निर्माण कार्य करने वाले लोगों के लिए सिरदर्द जैसी स्थिति हो गई है। देखते-देखते ढाई ट्रक गिट्टी गायब हो चुकी है। श्रद्धालुओं को यहां के पत्थरों में भी शिव स्वरूप नज़र आ रहा है। आस्था और श्रद्धा का सैलाब देव प्रतिमाओं में दुग्धपान की घटनाएं करा सकता है तो फिर यहां महज़ गिट्टी गायब होने की बात है। गायब होने की घटनाएं इतनी ज्यादा हो रही हैं कि आश्रम प्रबंधन इसका खुलकर विरोध भी नहीं कर सकता है और न ही हिदायत जारी कर सकता है। लिहाज़ा गिट्टी-पत्थर स्वरूप प्रसाद एकत्रिकरण जारी है।

दुमछल्ला…
सदन के दौरान हमेशा एक्टिव रहने वाले संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा सदन के बाहर विधानसभा में अपने कक्ष में भी होते हैं तो एलर्ट मॉड में होते हैं। बीते सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जब एक मंत्री बांह चढ़ाकर सदन में ही आक्रमण करने की मुद्रा में आगे बढ़े तो कक्ष में बैठे मंत्री को घटना की गंभीरता का शायद आभास हो गया था। तीखी नोंक-झोंक कब तेज़-तर्रार तू-तू मैं-मैं में बदल गई तब दंगल के हालात रोकने के लिए नरोत्तम मिश्रा अपने चैंबर से तपाक से सदन की तरफ दौड़ पड़े। सदन में आकर उन्हें ख्याल आया कि वे जल्दबाज़ी में अपने जूते कक्ष में ही छोड़ आए हैं। मामला सुलटाने के बाद मंत्रीजी को दोबारा कक्ष में जाना पड़ा।

(संदीप भम्मरकर की कलम से)

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