रायपुर। आपने चाचा हमारे विधायक हैं, सुना होगा, लेकिन अब हम आपको भैया-भाभी हमारे पार्षद हैं की कहानी बता रहे हैं, जो जुल्म, सितम, प्रताड़ना और कुर्सी की गर्मी से बेसहायों को रौंदती-कुचलती हुई दिखती है. ये हम नहीं जुल्म से भरी और गम की स्याही से लिखी हुई सुसाइड नोट कह रही है, जो आज एक बेबस इंसान को मौत के मुहाने पर पटक दी है, जहां वह जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है.

ये पूरा मामला आरंग का है. जहां एक ढाबा संचालक बुधराम को चखना दुकान राजेश निषाद और राजू निषाद ने खूब प्रताड़ित किया. उसके खिलाफ में थाने में झूठा केस भी दर्ज कराए. उसे इतना प्रताड़ित किया कि वो मजबूरी में मौत को गले लगाने को बेबस को हो गया. मौत की गोली खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की. आज वो अस्पताल में पड़ा है. ये सब बातें हम नहीं सुसाइड नोट कह रही है.

सुसाइड नोट में बुधराम ने लिखा कि मेरे को राजू निषाद और राजेश निषाद ने इतना प्रताड़ित किया कि मैं ये कदम उठाने जा रहा हूं, मुझे माफ करना. मैं मरना नहीं चाहता था, लेकिन मजबूरी में कदम उठा रहा हूं. राजेश निषाद और राजू निषाद अपने भैया-भाभी का धौंस दिखाकर प्रताड़ित किए हैं.

‘थाना प्रभारी ने बिना जांच के दर्ज की FIR’

सुसाइड नोट में बुधराम ने लिखा कि राजेश निषाद कहता है कि भैया-भाभी पार्षद हैं. कांग्रेस राज है कुछ नहीं कर सकते. इसके साथ ही उसने नोट में लिखा कि थाना प्रभारी कमला पुषाम ठाकुर न जांच की, न मुआयना की, ऐसे की FIR दर्ज कर दी, जिसमें मुझे मारपीट समेत कई केस में फंसाने की कोशिश की गई. इसके अलावा बुधराम ने लिखा कि गिरधारी और राजेश मुझे रास्ते में रोककर धमकी देते थे, तुझे अंदर करा देंगे, जान से मार देंगे.

इस मामले में जब LALLURAM.COM की टीम ने बुधराम के भाई दीनानाथ सोनकर से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि मुझे फोन कर भाई ने जानकारी दी थी कि वो जहर खा लिया है, उसे झूठे केस में फंसाया गया है, पुलिस भी कुछ नहीं सुन रही है. इसके बाद भाई को ढूंढकर अस्पताल ले गए. जहां अभी इलाज जारी है.

पढ़िए सुसाइड नोट-

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