लखनऊ. उत्तर प्रदेश में एप्पल के मैनेजर विवेक तिवारी की एक सिरफिरे पुलिसवाले द्वारा की गई हत्या से देश के सबसे बड़े सूबे की राजनीति में तूफान आ गया है.
यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री पद पर बैठते ही उन पर एक जाति विशेष का पक्ष लेने के आरोप लगने शुरु हो गए थे. जिससे सूबे का ताकतवर ब्राह्मण वर्ग पार्टी से खफा चल रहा था. अब विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद ब्राह्मणों का गुस्सा खुलकर सामने आने लगा है.
पार्टी के कई ब्राह्मण विधायकों ने खुलेआम सीएम आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर इस मामले में अपना गुस्सा जाहिर किया. इनमें हरदोई की शाहाबाद से विधायक रजनी तिवारी औऱ बरेली के भाजपा विधायक राजेश मिश्रा के साथ कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक समेत कई मंत्री औऱ विधायकों ने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है.
गौरतलब है कि ब्राह्मण भाजपा का परंपरागत वोटबैंक है औऱ भाजपा को भारी संख्या में ये समुदाय वोट करता है लेकिन इस हत्याकांड ने करीब दो साल से हाशिए पर चल रहे समुदाय के गुस्से को सामने ला दिया. अपने समाज के गुस्से को देखते हुए ही भाजपा विधायक भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगे हैं.
वहीं 2019 की लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लगे भाजपा हाईकमान की पेशानी पर इस मामले ने बल ला दिया है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने न सिर्फ सीएम औऱ डिप्टी सीएम के पेंच कसे बल्कि इस मामले से जुड़े हर अपडेट की मानीटरिंग खुद कर रहे हैं. देखना है कि पार्टी हुए इस डैमेज को कितना कंट्रोल कर पाती है.