भोपाल। देशभर में नए साल ( New Year 2023) को लेकर जश्न का माहौल है। न्यू ईयर की शुरुआत को यादगार बनाने के लिए लोग घूमने का प्लान करते है। तो आइए हम आपकों मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों समेत घूमने की जगह बताते है। जहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं।

मध्यप्रदेश का मिनी गोवा

इमरान खान, खंडवा। नए साल के पहले मध्य प्रदेश के खंडवा स्थित हनुमंतिया टापू पर पर्यटकों का आने का सिलसिला शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में पर्यटक नए साल का जश्न मनाने के लिए यहां परिवार के साथ पहुंच रहे हैं। मध्य प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही देश के कई राज्यों से पर्यटकों का यहां आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। यहां बाहर से आए पर्यटकों के लिए टेंट सिटी बनाई गई, जो लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा बुक हो चुकी है। टापु पर सातवां जल महोत्सव भी जारी है।

रोमांचकारी जल क्रीडा के कई खेल यहां पर शामिल हैं। इतना ही नहीं पर्यटक यहां हॉट एयर बैलून, पैराग्लाइडर में सवार होकर हवाओं की सैर भी कर सकते हैं। साथ ही मध्य प्रदेश के लजीज व्यंजनों का स्वाद भी लोगों को खूब भा रहा है। बाहर से आए पर्यटकों का कहना है कि यह बहुत सुंदर जगह है और यहां लोग खूब मजे कर रहे है। परिवार के साथ आने के लिए यह एक बहुत अच्छी और किफायती जगह है। मध्यप्रदेश में इस तरह का पर्यटन स्थल होना बहुत बड़ी और अच्छी बात है।

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बता दें कि मध्य प्रदेश के खंडवा स्थित इंदिरा सागर बांध के बैक वॉटर में हनुमंतिया टापू के आसपास अथाह जल राशि है, जिससे यहां का नजारा बहुत सुंदर हो जाता है। पर्यटकों को जल यात्रा करवाने के लिए यहां क्रूज जहाज, हाउसबोट, स्पीड बोट और वाटर स्कूटर उपलब्ध है। आसमान की सैर के लिए हॉट एयर बैलून, पैराग्लाइडर लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक हनुवंतिया टापू पहुंच रहे हैं।

श्री महाकाल महालोक

प्रदीप मालवीय, उज्जैन। पिछले कुछ वर्षो से वर्ष के अंतिम दिन और नववर्ष के पहले दिन विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर आशीर्वाद लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। श्री महाकाल महालोक के उद्घाटन बाद इस साल 31 दिसंबर और एक जनवरी को लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखकर महाकाल मंदिर के प्रवेश की व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। इन दो दिनों में श्रद्धालुओं को महाकाल लोक के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। नए साल की शुरुआत लाखों लोग भगवान महाकाल के दर्शन से करते है। श्रद्धालुओं को महाकाल लोक से ही प्रवेश मिलेगा।

नववर्ष 2023 के आगमन के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती के बाद सुबह से दर्शन का सिलसिला प्रारंभ होगा। आमतौर पर दर्शन में एक घंटा लगता है। लेकिन वर्ष के अंतिम दिन और नववर्ष के पहले दिन इस बार तीन लेयर में लाइन लगेगी। 2022 के अंतिम दिन 31 दिसंबर को शनिवार और 2023 के पहले दिन एक जनवरी को रविवार है। महाकाल लोक के लोकार्पण के चलते इस बार पहले की तुलना में अधिक भीड़ हो सकती है ।

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महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने हर साल की तरह इस साल भी ऑनलाइन होने वाली भस्म आरती की अनुमति 31 दिसंबर और एक जनवरी के लिए ब्लॉक कर दी है। अनुमति ऑफलाइन मिल सकेगी। वैसे महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहले से ही प्रवेश बंद कर दिया गया है। मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में 16 दिसंबर से 5 जनवरी तक श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश बंद रखने का निर्णय हुआ था। इस दौरान केवल मंदिर के पंडे-पुजारी ही गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे। अन्य दर्शनार्थी बैरिकेड्स के बाहर से दर्शन लाभ ले सकते है।

यहां से मिलेगा प्रवेश

इस बार श्रद्धालुओं को हरसिद्धि मंदिर की ओर से प्रवेश नहीं दिया जाएगा। श्रद्धालु महाकाल लोक से प्रवेश करेंगे। जहां तीन लेयर बैरिकेड्स, नंदी द्वार से फैसिलिटी सेंटर-2 मानसरोवर बिल्डिंग तक की जा रही है। यहां से ही श्रद्धालु प्रवेश करने के बाद मंदिर के गणेश मंडपम तक पहुंचेंगे। श्रद्धालु चारधाम मंदिर वाली रोड पर स्थित पिनाकी द्वार से बाहर निकलेंगे।

महाकाल मंदिर में लड्डू प्रसादी के लिए भी डबल डिमांड दी हुई है। महाकाल मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के मुताबिक अमूमन भीड़ अधिक होने पर 45 क्विंटल लड्डू प्रतिदिन खप जाते है, लेकिन नए साल पर 70 क्विंटल लड्डू प्रसादी प्रतिदिन के हिसाब से ऑर्डर किया है। दो दिन भारी भीड़ होने की संभावना को देखते हुए मंदिर परिसर का प्रसाद काउंटर को बंद रहेगा। सप्तऋषि के पास दो और नंदी द्वार समेत पार्किंग पर भी नए प्रसादी काउंटर खोले जा रहे है।

बाबा महाकाल के भक्तों के लिए सहायता केंद्र

महाकाल के भक्तों की सहायता के लिए 10 पुलिस सहायता केंद्र भी बनाए गए है। इसमें पुलिस के साथ मंदिर प्रशासन के कर्मचारी भी तैनात रहेंगे। इसके लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। एसएसपी सत्येंद्र शुक्ल ने बताया कि व्यवस्था 31 दिसंबर से 2 जनवरी की सुबह तक रहेगी। कुल 500 पुलिसकर्मी व्यवस्था में और मंदिर की सुरक्षा में 350 पुलिस कर्मियों को लगाया गया है। मंदिर समेत आसपास क्षेत्र के CCTV और ड्रोन से खास निगरानी रखी जा रही है।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में देश-विदेश से पहुंच रहे पर्यटक

संजय विश्वकर्मा, उमरिया। बाघों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व नए साल के लिए पहली पसंद बनी हुई है। नए साल के स्वागत के लिए देश-विदेश से पर्यटक बांधवगढ़ पहुंच रहे हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के तीन गेट और बफर एरिया के गेटों के साथ नाइट सफारी की भी बुकिंग फुल चल रही है। वहीं डिप्टी डायरेक्टर लवित भारती ने लल्लूराम डॉट कॉम से बात करते हुए बताया कि देश विदेश के पर्यटक बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व में पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही कोविड प्रोटोकॉल (Covid 19) को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।

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मध्यप्रदेश का हिल स्टेशन

पप्पू खान, पिपरिया। सर्दी के मौसम में अधिकतर लोग हिल स्टेशनों या सर्द ठंडी जगहों पर जाना पसंद करते हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश की सबसे ऊंची चोटी, हिल स्टेशन पचमढ़ी पर्यटकों को खूब भाती है। यहीं वजह है कि सर्द मौसम और नए साल का जश्न मनाने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे है। प्रदेश की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पचमढ़ी के धूपगढ़ में साल 2022 को अलविदा कर रहे है। 31 दिसंबर को यादगार बनाने के लिए हजारों पर्यटकों ने धूपगढ़ में अपने ही अंदाज में सेलिब्रेशन किया है।

भेड़ाघाट का धुआंधार जलप्रपात

कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित भेड़ाघाट पर्यटन स्थल (Bhedaghat) पर जनसैलाब उमड़ पड़ा है। भेड़ाघाट में नए साल पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। यहां जबलपुर के अलावा दूरदराज से भी सैलानी पहुंच रहे है।

बता दें कि भेड़ाघाट एक पर्यटन स्थल है। भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित चौसठ योगिनी मंदिर इसके पास स्थित है। धुआंधार जलप्रपात, भेड़ाघाट के निकट आकर्षण का केंद्र है। नर्मदा नदी के दोनों तटों पर संगमरमर की सौ फुट तक ऊंची चट्टानें भेड़ाघाट की खासियत हैं। यह पर्यटन स्थल जबलपुर से कुछ ही दूरी पर है। भेड़ाघाट कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है।

दतिया का पुराना महल

रवि रायकवार, दतिया। जिले का पुराना महल बीरसिंह पैलेस के नाम से प्रदेश समेत देशभर में विख्यात है। यहां रोजाना देश-विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं। सात मंजिला बीर सिंह पैलेस स्थापत्य शैली का अद्भुत नमूना है। इतना सुंदर महल पूरे भारत में नहीं है। महल को देखने प्रदेश-देश समेत विदेशों से भी सैकड़ों पर्यटक यहां आते हैं।

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