जाती हुई सर्दियां सभी को सुहाने मौसम का मजा दे रही हैं. इस मौसम में घूमने का अपना अलग ही मजा है. इसके लिए आप यमुना नदी के तट पर बसे हुए उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित आगरा का रूख कर सकते हैं. आगरा में पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है. यहां ऐतिहासिक स्मारकों और भव्य वास्तुकला से बने मंदिरों के साथ प्यार और पुरानी यादों को समर्पित मकबरे मौजूद हैं. आगरा में ताजमहल के साथ ही एक से बढ़कर एक इमारतें हैं जो पर्यटन के लिहाज से बेहतरीन मानी जाती हैं. आज हम आपको आगरा की ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहतरीन दृश्यों का नजारा पेश करते हैं. आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में-

ताजमहल

आगरा की पहचान है ताजमहल और ताजमहल की वास्तुकला को दुनिया की किसी भी इमारत की वास्तुकला से ज्यादा नायाब माना जाता है. इसे 20 हजार मजदूरों ने 22 साल में पूरा किया था, इसका निर्माण 1648 में हो गया था. जबकि इसे बनाने की लागत उस समय 3.2 करोड़ रुपये आई थी. यह पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बना है. चांद की रोशनी में ताजमहल जगमगा उठता है. इसके साथ ही यमुना नदी बहती है. मुस्लिम शासक शाहजहां ने इसका निर्माण अपनी पत्नी नूरजहां की याद में किया था. जिसकी कब्र ताजमहल के निचले हिस्से में स्थित है. कुछ समय बाद इसके साथ में शाहजहां की कब्र भी बनाई गई. चौकोर प्लेटफॉर्म पर बना ताजमहल शाही शान का प्रतीक है. ताजमहल को बनाने में इंटरलॉकिंग अरबस्क तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.

बुलंद दरवाजा

आगरा से आधे घंटे की दूरी पर स्थित फतेहपुर सीकरी का ऐतिहासिक स्मारक बुलंद दरवाजा खूबसूरत वास्तुकला देखने लायक है. इस बुलंद दरवाजा के निर्माण के बारे में बताया जाता है कि इसका निर्माण 17वीं शताब्दी के दौरान मुगल बादशाह अकबर के द्वारा करवाया गया था. इस बुलंद दरवाजा नामक स्मारक का निर्माण अकबर ने गुजरात पर हुई जीत की याद में निर्मित करवाया था. लाल बलुआ पत्थर से निर्मित इस बुलंद दरवाजा को विजिट करने लोग काफी अधिक संख्या में यहां पर पहुंचते हैं. अगर आप भी आगरा ट्रिप पर जा रहे हैं तो इस बुलंद दरवाजा को विजिट कर सकते हैं यकीनन आपको यह ऐतिहासिक स्मारक पसंद आएगा.

फतेहपुर सीकरी

फतेहपुर सीकरी एक शहर है जो आगरा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इस शहर को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल का दर्जा प्राप्त है. मुगल सम्राट अकबर द्वारा सन 1569 में स्थापित, यह शहर सन 1571 से 1585 तक मुगलों की राजधानी था. जिसके दौरान वह सफलता के शिखर पर पहुंच चुका था. इस स्थल को सूफी संत सलीम चिश्ती का सम्मान और अपने बेटे सलीम के जन्म का जश्न मनाने के लिए बनवाया गया था. इस दीवार वाले शहर के निर्माण में पूरे 15 साल लगें और परिसर में कई शाही महल, एक हरम, अदालतें और मस्जिदें शामिल थीं. संरचना को लाल बलूआ पत्थर से बनाया गया है और इस फारसी वास्तुकला की अवधारणा को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. हालांकि संपूर्ण शैली मुगल है.

ताज संग्रहालय

ताजमहल परिसर के अंदर स्थित ताज गार्डन के पश्चिमी छोर पर 1982 में ताज संग्रहालय की स्थापना की गई थी. जलमहल के अंदर मकबरे के मुख्य द्वार पर थोड़ा सा बायीं ओर स्थित संग्रहालय की वास्तुकला देखने योग्य है. इसमें सम्राट और उनकी महारानी की कब्रों के निर्माण और नियोजन को प्रदर्शित करने वाले चित्र भी हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है कि संग्रहालय ताज की कहानी कहने के बारे में है. यात्रियों के बीच यह आगरा की यात्रा का एक लोकप्रिय स्थान है क्योंकि यह शानदार स्मारक से संबंधित तथ्यों और इतिहास का घर है.

जामा मस्जिद

आगरा में स्थित जामा मस्जिद को मुगल बादशाह शाहजहां के द्वारा 1648 ईस्वी के दौरान करवाया गया था. आगरा में स्थित जामा मस्जिद को जामी मस्जिद या जुमा मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है. लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर द्वारा खूबसूरत नक्काशी में बनाया गया है. यह साधारण डिजाइन वाला मस्जिद देखने में काफी आकर्षक लगता है. आगरा के जामा मस्जिद का प्रांगण काफी विशाल है, जहां पर एक साथ काफी अधिक संख्या में लोग नमाज अदा कर सकते हैं.

आगरा किला

ताजमहल के अलावा, आगरा में भारत के बेहतरीन मुगल किले स्थित हैं, आगरा किला यमुना नदी के तट पर बना है. किले का निर्माण मुगल सम्राट अकबर द्वारा सन 1565 में शुरू किया गया था और उनके पौत्र शाहजहां के शासन तक इसमें बदलाव होते रहे. मूलरुप से इसे सैन्य उद्देश्यों के लिए बनाया गया था और बाद में इसे एक महल के रूप में इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा इसका इस्तेमाल जेल के रुप में भी किया गया, जिसमें शाहजहां को उनके पुत्र औरंगजेब ने 8 सालों तक बंद रखा था, शाहजहां से सन 1658 में सत्ता छीन ली गई थी. किले की 2.5 किलोमीटर लंबी दिवारों के भीतर शाहजहानी महल, जहांगीरी महल, खास महल, लोगों के लिए दीवान-ए-आम एम और दिवान-ए-खास, मछलियों को रखने का स्थान, नगीना मस्जिद, अंगूर के बाग और मोती मस्जिद शामिल है. विश्व विरासत में शामिल यह स्थान वास्तुकला का शानदार नमूना है, जहां आपको जरूर जाना चाहिए.