Trade Fair 2025: दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 दिनों तक चले भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का समापन गुरुवार को हो गया. इस बार 18 लाख से ज्यादा लोगों ने मेले में हिस्सा लिया. आखिरी दिन जब वाणिज्य मंत्रालय ने बेस्ट पवेलियनों की लिस्ट जारी की, तो राजस्थान ने अपनी कला, संस्कृति और क्रिएटिव प्रेजेंटेशन के दम पर सीधा स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया.

राजस्थान की पहचान चमकी

भागीदार राज्य कैटेगरी में राजस्थान ने गोल्ड जीता, बिहार ने सिल्वर और उत्तर प्रदेश ने ब्रॉन्ज. इस बार राजस्थान मंडप को खास तौर पर हाड़ौती, मेवाड़ और मारवाड़ की पारंपरिक कला को केंद्र में रखकर डिज़ाइन किया गया था. सजावट में पुष्कर मेला, चंबल माता, सालासर बालाजी, खाटूश्यामजी और त्रिपुरा सुंदरी जैसे धार्मिक स्थलों की झलक ने लोगों को खूब आकर्षित किया.

लोक-संस्कृति ने बांधा माहौल

पवेलियन में रखी कलाकृतियां ही नहीं, बल्कि रोज होने वाले लाइव शो भी बड़ी भीड़ खींचते रहे. कठपुतली, घूमर और अन्य लोकनृत्य जैसे ही शुरू होते, दर्शक मोबाइल निकालकर वीडियो रिकॉर्ड करने लगते. माहौल एकदम मेले वाली खुशी से भर जाता था.

सीकर की कठपुतली टीम बनी स्टार

कठपुतली कलाकार अशोक भट्ट, जो सीकर से आए थे, ने कहा कि उनके लिए यह कला सिर्फ पेशा नहीं, पहचान है. लोगों की तालियां और प्यार देखकर उन्हें लगा कि उनकी मेहनत वाकई रंग लाई.

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