दिल्ली. बीते सप्ताह वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चीन और अमेरिका के बीच छिड़े व्यापार युद्ध का कोई समाधान ना निकलता देख अपने वैश्विक आर्थिक अनुमान में वैश्विक विकास दर में कमी होने की चिंता जाहिर की थी.
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 361.07 अंकों या 0.99 फीसदी की गिरावट के साथ 36,025.54 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 126.40 अंकों या 1.16 फीसदी की गिरावट के साथ 10,780.55 पर बंद हुआ. बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 341.57 अंकों या 2.27 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 14,681.82 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 504.40 अंकों या 3.48 फीसदी की गिरावट के साथ 14,000.20 पर बंद हुआ.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने घरेलू शेयर बाजार से जनवरी में करीब 6,000 करोड़ रुपये निकाले हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में भी एफपीआई की निकासी जारी रहेगी. इससे पहले नवंबर और दिसंबर महीने में एफपीआई ने घरेलू शेयर बाजार में 8,584 करोड़ रुपये का निवेश किया था. हालांकि, अक्टूबर में उन्होंने 28,900 करोड़ रुपये की भारी भरकम निकासी की थी.
ग्लोबल फैक्टर्स और आने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर निवेशक हैं सतर्क
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक जनवरी से 25 जनवरी तक शेयर बाजार से 5,880 करोड़ रुपये की निकासी की है. हालांकि इस अवधि के दौरान उन्होंने बांड बाजार में 163 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक मुश्किलों तथा आने वाले आम चुनाव को लेकर निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं.