भारतीय रेलवे ने जम्मू-कश्मीर में भरोसेमंद और वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (USBRL) के तहत उधमपुर से बारामूला तक 272 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का सफलतापूर्वक निर्माण किया गया है. इस लाइन ने कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ दिया है. आजादी के बाद यह परियोजना भारतीय रेलवे द्वारा किए गए सबसे चुनौतीपूर्ण कार्यों में से एक है. निर्बाध और सुगम संपर्क प्रदान करने के महत्व को देखते हुए, USBRL परियोजना को 2002 में ‘राष्ट्रीय परियोजना’ घोषित किया गया था.

USBRL परियोजना की विशेषताएँ

इस परियोजना में कुल 38 सुरंगें शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 119 किलोमीटर है. इनमें सबसे लंबी सुरंग (T-49) 12.75 किलोमीटर लंबी है और यह देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है. परियोजना में 927 पुल भी शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर है. इन पुलों में दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च रेलवे पुल, चिनाब पुल भी शामिल है. इस पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर, आर्च की लंबाई 467 मीटर और नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टावर से लगभग 35 मीटर ऊंचा है.

चिनाब पुल पर ट्रेन का परीक्षण

भारतीय रेलवे ने रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक MEMU ट्रेन (8 कोच) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. यह परीक्षण रेलवे बोर्ड, उत्तर रेलवे और कोंकण रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण के बाद किया गया. ट्रेन ने इस मार्ग पर 40.787 किलोमीटर की संयुक्त लंबाई वाली 9 सुरंगों को पार किया, जिसमें 11.13 किलोमीटर की सबसे लंबी सुरंग T-44 भी शामिल थी.

विद्युतीकरण और ROCS तकनीक

रियासी, बक्कल, दुग्गा और सवालाकोट स्टेशनों के बीच के खंड पर रेलवे विद्युतीकरण का काम अत्याधुनिक तकनीक ROCS (रिजिड ओवरहेड कंडक्टर सिस्टम) के साथ 25 केवी पर किया गया है. यह पहली बार भारतीय रेलवे पर इस तकनीक का इस्तेमाल हुआ है.

प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन

20 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 48.1 किलोमीटर लंबे बनिहाल-संगलदान सेक्शन सहित USBRL परियोजना का उद्घाटन किया था. इस परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन अक्टूबर 2009 में हुआ था, जिसमें 118 किलोमीटर लंबा काजीगुंड-बारामूला खंड शामिल था. बाद के चरणों में जून 2013 में 18 किलोमीटर लंबे बनिहाल-काजीगुंड खंड और जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर लंबे उधमपुर-कटरा खंड का उद्घाटन किया गया था.

फरवरी 2024 में उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के बनिहाल-कटरा खंड पर पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन का परीक्षण रामबन में बनिहाल और संगलदान रेलवे स्टेशनों के बीच किया गया था. यह खंड लगभग 40 किलोमीटर का है.