नई दिल्ली. भारत की पहले लोकोमोटिव-कम ट्रेन ‘ट्रेन 18’ ने रविवार को टेस्ट रन के दौरान 180 किमी प्रति घंटे की गति सीमा को पार कर लिया. इसके साथ ही अब यह ट्रेन आम यात्रियों के लिए सेवा देने के एक कदम और करीब हो गई है. सबकुछ सामान्य रहा तो जनवरी 2019 से इसका व्यावसायिक परिचालन शुरू हो जाएगा.

‘ट्रेन 18′ की इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए निर्माण करने वाले इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईएफसी) के महाप्रबंधक एस मणि ने बताया कि ट्रेन 18’ ने कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन में 180 किमी प्रति घंटे की गति सीमा को पार किया है. इसके साथ ही ट्रेन के प्रमुख परीक्षण खत्म हो चुका है, ट्रायल परीक्षण में पाई गई छुट-पुट तकनीकी खामियों को दूर किया जाएगा, लेकिन कोई बड़ी तकनीकी खामी नहीं मिली है.

जीएम ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि ‘ट्रेन 18’ का जनवरी 2019 से व्यावसायिक परिचालन शुरू हो जाएगा. सामान्यतः ट्रेन के ट्रायल में तीन महीने लगता है, लेकिन अब यह पहले की तुलना में जल्दी हो रहा है. यह सबकुछ  सामान्य रहा तो ‘ट्रेन 18’ शताब्दी एक्सप्रेस का स्थान ले लेगी.  बता दें कि ‘ट्रेन 18’ 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के दौड़ने में सक्षम है, बशर्तें भारतीय रेल की व्यवस्था, जिसमें ट्रेक और सिग्नल सिस्टम साथ दे.

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