राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस जिला अध्यक्षों के प्रशिक्षण पर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि- सितंबर के आखिरी में 10 दिन का प्रशिक्षण होगा। जिला और ब्लॉक अध्यक्षों का प्रशिक्षण होगा। यह हमारे काम करने के प्रक्रिया का हिस्सा है, प्रशिक्षण किसी विधा को आधुनिक भावना से जोड़ने का तरीका होता है।

कांग्रेस के प्रशिक्षण पर बीजेपी का पलटवार

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा- प्रशिक्षण दोगे किसका, कांग्रेस के नेताओं को जिलाध्यक्षों को क्या बताओगे। भारत के इतिहास के बारे में क्या बताओगे। निर्वाचन पद्धति, लोकतंत्र को हासिए पर ला रहे हैं। उसके बारे में क्या बताओगे आखिर आप किस चीज का प्रशिक्षण देना चाहते हो। प्रशिक्षण तो उसे चीज का दिया जा सकता है जो बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का पालन करें, संविधान का तो कांग्रेस पालन ही नहीं करती है। हम प्रार्थना करते हैं कि 10-20-25 साल तक कांग्रेस इसी हालत में रहे और प्रशिक्षण लेती रहे।

प्रदेश अध्यक्ष खुद को प्रशिक्षण दें

कांग्रेस जिलाध्यक्षों को प्रशिक्षण दे या प्रदेश अध्यक्ष खुद को प्रशिक्षण दें। इस समय कांग्रेस में पुतले जलाने का दौर चल रहा है कपड़े फाड़ने का दौर चल रहा है। एक दूसरे पर आरोप लगाने का दौर चल रहा है। एक दूसरे पर गिफ्ट में किसने किस पद देने पर क्या गिफ्ट दी इसका दौर चल रहा है। प्रशिक्षण में गिफ्ट पर कितनी विस्तृत चर्चा होगी इसके बारे में तो कांग्रेस खुद बताएगी।

परिसीमन पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा- मनमाफिक तरीके से परिसीमन होगा। बीजेपी के लोग अपने हिसाब से परिसीमन कराएंगे। हमें आयोग के गठन से दिक्कत नहीं, लेकिन आयोग के फैसले की अपील नहीं होगी। ऐसे में हम परिसीमन का विरोध करेंगे। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा- कांग्रेस को न लोकतंत्र, न निर्वाचन और न ही आयोग पर भरोसा। सरकार सुनवाई करती, विधायक सुनते, मंत्री सुनते। तो गुंजाइश रहती कि कांग्रेस की अपील नहीं मानी जा रही है। रिटायर अधिकारी होंगे वो तो कांग्रेस के समय भी सेवा में रहे होंगे। यह संवैधानिक व्यवस्था बाबा साहब अंबेडकर की व्यवस्था है, उस पर तो भरोसा होना चाहिए।

आजाद भारता का पहला केस

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विधायक संजय पाठक मामले को आजाद भारत का यह पहला केस बताया है। जिसमें जज ने कहा है कि मुझे प्रभावित करने की कोशिश की गई है। यह काम बीजेपी विधायक ने किया है। भ्रष्टाचार रहित भारत बनाने की बात कही जा रही है और न्यायपालिका में बीजेपी विधायक प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है।

संजय पाठक के मामले में उदाहरण पेश किया जाए। क्या विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में निर्णय ले सकते हैं। माननीय जज ने लिखित में दिया है इससे बड़ा कोई प्रूफ नहीं हो सकता। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा बोले- न्यायालय का मामला है। न्याय पालिका के बारे में न्यायपालिका ही निर्णय लेगी तो ज्यादा बेहतर होगा।

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