पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। गरियाबंद में मंत्री केदार कश्यप का मौखिक आदेश उनके विभाग के लिखित आदेश पर भारी पड़ गया.

दरअसल 14 अगस्त को छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने फिंगेश्वर विकासखंड के लोहरसी मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षक धर्मेंद्र सिंह ठाकुर का ट्रांसफर शिक्षकों की कमी से जूझ रहे देवभोग विकासखंड के दीवानमुडा मिडिल स्कूल में कर दिया.

जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने 21 अगस्त को लोहरसी स्कूल के प्रधानपाठक को पत्र लिखकर शिक्षक को जल्द से जल्द कार्यमुक्त करने का निर्देश दिया था.

प्रधानपाठक ने आदेश का पालन करते हुए 21 सितंबर को शिक्षक को कार्यमुक्त कर दिया, लेकिन उसके बाद 27 सितंबर को जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रधानपाठक के नाम पत्र लिखकर शिक्षक को यथावत रखने के निर्देश दिए. शिक्षक धर्मेंद्र सिंह ठाकुर अभी भी लोहरसी में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

मामले का खुलासा तब हुआ, जब लोहरसी से कार्यमुक्त होने के बाद भी शिक्षक ने दीवानमुडा स्कूल में ज्वॉइन नहीं किया. पालकों और बीईओ ने जब इस बारे में पता किया, तो पता चला कि शिक्षक दीवानमुडा के बजाय लोहरसी में ही अपनी सेवाएं देगा.

मीडिया ने जब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी से बात की, तो उऩ्होंने कैमरे के सामने तो कुछ नहीं बोला, लेकिन उनका कहना था कि स्कूल शिक्षा मंत्री के आदेश को वे कैसे टाल सकते हैं. उनका कहना था कि मंत्री केदार कश्यप ने मौखिक आदेश देकर स्थानांतरण रोकने के लिए कहा है.

अब आदेश का खामियाजा दीवानमुडा मिडिल स्कूल के छात्रों को उठाना पड़ रहा है. यहां पढ़ने वाले 104 बच्चों को फिलहाल एक ही शिक्षक से काम चलाना पडेगा.