नई दिल्ली। यात्रा के दौरान सही रास्ता खोजने के लिए अगर आप भी गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आप के लिए है। गूगल मैप्स में अब आप अंग्रेजी की बजाय अपनी भाषा में ही एड्रेस सर्च कर सकेंगे। गूगल मैप्स ने 10 भारतीय भाषाओं में ऑटोमेटिक ट्रांसलिट्रेशन सिस्टम शुरू कर दिया है। इससे पहले गूगल के इस ऐप के जरिये केवल अंग्रेजी भाषा से सर्च करने की सुविधा थी, जिससे कई यूजर्स को एड्रेस सर्च करने में परेशानी होती थी।
गूगल ने अपने एक ब्लॉग के जरिये बताया है कि उसने अपने मैप में 10 नई भारतीय भाषाओं में ट्रांसलिट्रेशन सिस्टम शुरू किया है। इनमें हिन्दी, गुजराती, कन्नड़, बांग्ला, मराठी, मलयालम, पंजाबी, उड़िया, तमिल और तेलुगु भाषाएं शामिल हैं। गूगल का कहना है कि इससे उन लोगों को काफी मदद मिलेगी जो इंग्लिश ज्यादा नहीं जानते हैं।
ट्रांसलेशन और ट्रांसलिट्रेशन में अंतर
ट्रांसलिट्रेशन और ट्रांसलेशन में अंतर है। ट्रांसलेशन में एक भाषा को दूसरे में अनुवाद किया जाता है या कहें कि एक भाषा से दूसरी भाषा में शब्दों को बदला जाता है। वहीं ट्रांसलिट्रेशन में शब्दों की लिपि ही बदली जाती है। उदाहरण के तौर पर अंग्रेजी के शब्द ‘Water’ का ट्रांसलेट या अनुवाद हिन्दी में ‘पानी’ होता है लेकिन ट्रांसलिट्रेशन में ‘वाटर’ होगा।
गूगल का कहना है कि भारत में कई जगहों के नाम अंग्रेजी के शब्द पर हैं। लेकिन इन्हें लोकल लिपि में ही लिखा जाता है। ऐक्रनिम शब्द बड़े नाम को छोटा कर के लिखे जाते हैं। गूगल ने एक उदाहरण देकर समझाया, “ऐक्रनिम NIT को हिन्दी में एनआईटी लिखा जाता है, क्योंकि इसे अंग्रेजी की तरह ‘निट’ न पढ़कर ‘एन आई टी’ पढ़ा जाता है। इसलिए ये जानकारी जुटाकर कि NIT शब्द एक सामान्य रूप में चलने वाला ऐक्रनिम है, गूगल मैप्स इस शब्द का सही से ट्रांसलिट्रेशन कर सकेगा।”