नई दिल्ली। दिल्ली में 50 इलेक्ट्रिक बसों को फरवरी के दूसरे सप्ताह तक डीटीसी के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा और अप्रैल तक 300 और बसों को शामिल करने का लक्ष्य हासिल करने की संभावना है. ये सूचना दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दी. गहलोत ने आज राजघाट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में 100 नई एसी सीएनजी बसों का उद्घाटन करते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक बस का पहला प्रोटोटाइप पहले ही दिल्ली पहुंच चुका है और सोमवार (17 जनवरी) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसका उद्घाटन करेंगे. फरवरी के दूसरे सप्ताह तक 50 ई-बसों को डीटीसी के बेड़े में शामिल किया जाएगा और अप्रैल तक 300 ई-बसें के लक्ष्य को हासिल करने की संभावना है. उद्घाटन समारोह के बाद केजरीवाल ने कहा कि ग्रामीण रूट पर बसें चलेंगी.

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दिल्ली सरकार के अनुसार, दिव्यांगों के अनुकूल होने के अलावा, ये नई लो-फ्लोर सीएनजी एसी बसें पूरी तरह से बीएस उत्सर्जन मानकों के अनुरूप हैं और एक वास्तविक समय यात्री सूचना प्रणाली, सीसीटीवी पैनिक बटन और जीपीएस जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं. केजरीवाल ने कहा कि “इन 100 बसों के शामिल होने के साथ दिल्ली में अब लगभग 6,900 बसें हो गई हैं. यह आंकड़ा पहले कभी हासिल नहीं किया गया था. 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान, राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 6,000 बसें थीं. नवंबर 2021 में दिल्ली कैबिनेट ने अपनी क्लस्टर योजना के तहत 190 लो-फ्लोर एसी सीएनजी बसों को शामिल करने की मंजूरी दी थी.

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इन बसों के शामिल होने के साथ क्लस्टर बसों की कुल संख्या 3,383 तक पहुंच गई है और राष्ट्रीय राजधानी में कुल बस बेड़ा 7,140 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. क्लस्टर योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा कुल 3,033 नॉन एसी और एसी बसों का संचालन किया गया है. कैबिनेट ने यह भी कहा था कि 2022 की शुरुआत तक 300 इलेक्ट्रिक बसों को भी डीटीसी बेड़े में शामिल किया जाएगा. ये एक लक्ष्य है, जिसे पूरा किया जाना बाकी है.