अमित शर्मा, श्योपुर। राष्ट्रीय कूनो अभ्यारण के अंदर स्थित पालपुर राजघराने की पुरानी गढ़ी के पास जेसीबी मशीन से खुदाई के दौरान खजाना निकला है। इस खजाने में चांदी और दूसरी बेशकीमती धातु से बने हुए सिक्के व आभूषण निकले हैं। कूनों के अधिकारियों ने 24 घंटे बाद महज 40 चांदी के सिक्के, कुछ चांदी के गहने और तांबा जैसी धातु के कुछ सिक्कों को पुलिस को जब्त कराया है।
इसे लेकर पालपुर घराने के वारिश गोपाल सिंह ने जिम्मेदारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि, उनकी पुरानी गढी और संपति का मामला न्यायालय में चल रहा है। फिर वन विभाग बिना अनुमति के वहां खुदाई कैसे कर सकता है। जब खुदाई में खजाना निकला तो तत्काल प्रशासन, पुलिस और उन्हें मौके पर बुलाया जाना चाहिए था ताकि, पता लग पाता कि, खजाने में क्या- क्या और कितनी मात्रा में निकला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि, कूनों के अधिकारियों ने खुदाई के दूसरे दिन जब वह कूनों में आ रहे थे, तब उन्हें गेट पर 5 घंटे तक रोक कर रखा।
पहले दिन वाले मजदूर और स्टाफ को बदल दिया गया। जेसीबी मशीन भी बदल दी गई। मौके पर जहां खजाना निकला है, उस जगह को मिट्टी डालकर ऐसा करने की कोशिश की गई है कि, जैसे वहां कोई खुदाई हुई ही नहीं है। इस बारे में कूनो डीएफओ प्रकाश वर्मा से कई बार बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि, खजाना 11 बजे जेसीबी से खुदाई के दौरान निकला था, तो इसकी सूचना पुलिस प्रशासन और पालपुर रियासत को तत्काल क्यों नहीं दी गई।
अब इसे लेकर जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पालपुर विरासत के वंशज गोपाल सिंह का कहना है कि जैसे ही मुझे इस खुदाई के बारे में सूचना मिली मैं राष्ट्रीय पार्क पहुंचा। मुझे पिपलबावड़ी गेट पर 5 घण्टे रोका गया। मुझे अंदर जाने की व्यवस्था नहीं की गई। जैसे तैसे अंदर जाकर देखा तो जगह को समतल कर दिया गया था ताकि ये पता न चल सके कि कहां खुदाई की गई है।
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