नई दिल्ली। गणेश उत्सव के 10 दिवसीय भव्य समारोह के साथ त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है. जिससे इस साल बड़े कारोबारियों के लिए बड़ी उम्मीद जगी है. इस त्योहार के साथ, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने एक बार फिर चीनी सामानों के बहिष्कार के अभियान को जारी रखा है.
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक देश में हर साल 20 करोड़ से ज्यादा गणेश प्रतिमाएं खरीदी जाती हैं. जिससे अनुमानित कारोबार करोड़ों रुपये से ज्यादा का होता है. उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से देश भर में बड़ी मात्रा में भगवान गणेश की पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियों को स्थापित करने का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है.
स्थानीय लोगों को मिल रहा तवज्जो
पहले प्लास्टर ऑफ पेरिस, पत्थर, संगमरमर और अन्य वस्तुओं से बनी गणेश मूर्तियों को सस्ते दामों के कारण चीन से आयात किया जाता था, लेकिन पिछले दो सालों में CAIT की ओर से चीनी सामानों के बहिष्कार के अभियान के कारण मूर्तियों का शून्य आयात हुआ है. देश भर के शहरों में अपने घरों में काम करने वाले स्थानीय शिल्पकार, कारीगर और कुम्हार अपने परिवार की महिलाओं को शामिल करते हुए मिट्टी और गाय के गोबर से मूर्तियां बनाते हैं. जिन्हें आसानी से विसर्जित कर दिया जाता है और इससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं है.
लाखों लोगों को मिलता है रोजगार
उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियां बनाई जा रही हैं. जिन्हें विसर्जित करने के बजाय पेड़ों और पौधों में मिला दिया जाता है. इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता है. इन मूर्तियों की वजह से देशभर में हर साल लाखों लोगों रोजगार भी मिलता है.
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