पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। छैला जंगल में अतिक्रमण हटाने गए वन अमले पर 70 से ज्यादा अतिक्रमणकारियों ने हमला बोल दिया. सरकारी वाहन में तोड़-फोड़ करने के अलावा 10 से भी ज्यादा वन कर्मियों को बंधक बना लिया था, जिन्होंने मुश्किल से अपने को छुड़ाकर सुरक्षित स्थल पर पहुंचे. घटना की जानकारी होने के बाद मौके पर अमलीपदर पुलिस पहुंच गई है. वहीं सशस्त्र बल के साथ आला अफसर मौके पर पहुंच रहे हैं.

बता दें कि छैला में हुए अतिक्रमण को दो माह पहले वन विभाग ने हटाया था, लेकिन घुमरापदर के सुकलाल कमार के नेतृत्व में वहां 30 से भी ज्यादा परिवार ने फिर से अतिक्रमण शुरू कर दिया था. छैला के ग्रामीणों ने वन विभाग को लिखित ज्ञापन देकर अतिक्रमित स्थलों पर पौधारोपण करने की मांग की थी. ग्रामीणों की मांग पर विभाग पौधरोपण की तैयारी शुरू कर दिया था. इसी क्रम में कक्ष क्रमांक 1288 में 60 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया जा रहा था, लेकिन पखवाड़े भर पहले सुकलाल के नेतृत्व घुमरापदर के अतिक्रमणकारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. सुकलाल ने बाकायदा स्थल पर सूचना बोर्ड लगा दिया है, जिसमें मजिस्ट्रेट के समक्ष जुर्माना पटाने की बात कहते हुए दूसरों के लिए बिना अनुमति के प्रवेश वर्जित बता दिया है.

शुक्रवार को जैसे ही देवभोग के प्रभारी रेंजर महादेव कन्नौजे वन व पुलिस के संयुक्त अमले के साथ छैला पहुंचे और गढ्ढे का काम शुरू किया तो पहले से 60-70 की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने पहले तो हंगामा किया फिर हमला करने पर उतारू हो गए. रेंजर के सरकारी वाहन में भी तोड़-फोड़ किया गया है. वहीं 10 से ज्यादा कर्मियों को रोपनी स्थल पर बंधक बना दिया गया है. सूचना मिलने पर अमलीपदर पुलिस मौके पर पहुंच गई है. अतिक्रमणकारियों ने पुलिस पर भी हमला करने की कोशिश की. रेंजर कन्नौजे ने बताया कि फिलहाल उनका पूरा अमला सुरक्षित स्थान पर पहुंच गया है.