प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में आज से ट्रायल शुरू होगा। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिकाओं को पोषणीय माना था। मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी थी। अयोध्या विवाद की तर्ज पर अब हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में एक अगस्त को कहा था कि यह वाद सुनवाई योग्य है। अदालत ने इस वाद में मुद्दे तय करने के लिए 12 अगस्त की तिथि निर्धारित की थी। वाद की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने मुकदमे की पोषणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष की दलीलें खारिज कर दीं थी। इससे पूर्व अदालत ने छह जून को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

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हिंदू वादकारियों की ओर से दायर इन 17 मुकदमों में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी शाही ईदगाह मस्जिद हटाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि औरंगजेब के जमाने में मंदिर को ध्वस्त कर इस मस्जिद का निर्माण किया गया था। हालांकि मस्जिद प्रबंधन कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दलील थी कि ये वाद, पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के तहत बाधित हैं। यह अधिनियम किसी भी पूजा स्थल का चरित्र बदलने से रोकता है।

SC पहुंचा मुस्लिम पक्ष

कोर्ट ने 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के तहत सर्वेक्षण के लिए आयोग की नियुक्ति का आवेदन स्वीकार कर लिया था। अदालत ने कहा था कि आयोग का स्वरूप सुनवाई के बाद तय किया जाएगा। इस आदेश से व्यथित होकर मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अवकाश याचिका दायर की थी। SC ने कहा था कि ‘उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई जारी रहेगी। हालांकि सुनवाई की अगली तिथि तक आयोग के निर्णय को क्रियान्वित नहीं किया जाएगा।’

वहीं शुक्रवार 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के क्रियान्वयन पर अपनी रोक नवंबर तक बढ़ा दी है, जिसमें मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी।