शशिकांत डिक्सेना, कोरबा. विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम पनगवां में डायरिया ने पांव पसार लिया है. यहां उल्टी-दस्त से आदिवासी दंपति की मौत हो गई. डायरिया से पीड़ित 10 ग्रामीणों को पोड़ी उपरोड़ा और पसान के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसमें से दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. ग्रामीणों के मुताबिक गांव में पानी की सुविधा नहीं है, लोग नाले का पानी पीने मजबूर हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार- रविवार की दरम्यानी रात गांव में रहने वाले 28 वर्षीय शिव प्रताप सिंह और उसकी 26 साल की पत्नी संतोषी की तबीयत बिगड़ गई. दोनों को उल्टी-दस्त हुआ. रात में अस्पताल पहुंचने के लिए साधन नहीं थे. परिवार के सदस्य शिव प्रताप और संतोषी को अस्पताल ले जाने के लिए सुबह होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन रात में ही दंपति की हालत नाजुक हो गई और शनिवार- रविवार की दरम्यानी रात पति-पत्नी ने उल्टी-दस्त से दम तोड़ दिया.

रविवार सुबह गांव में पांच और परिवारों ने उल्टी दस्त की शिकायत की. इसकी सूचना गांव की मितानिन के जरिए स्वास्थ्य विभाग को दी गई. रविवार की सुबह गांव में पहुंचकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इलाज शुरू किया. डायरिया से पीड़ित जयकरण, विनय कुमार, समरिया सिंह, सुरदयाल सिंह, सुनिता और आठ साल के बालक अजय को पोड़ी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

नाले का जहरीला पानी पीने से मौत
बताया जा रहा है कि घटना के दिन गांव में रहने वाले किसान के घर धान की बोआई पूरी हुई थी. उसने मजदूरों को बड़ा और भाजी खिलाया था. इसके बाद मजदूरों ने खेत के करीब स्थित ढोढ़ी (नाले ) का पानी पी लिया था. इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया है कि ढोढ़ी का पानी जहरीला हो गया है. इसके पीने से ग्रामीणों ने उल्टी और दस्त की शिकायत की. इसके बाद स्थिति गंभीर हुई. इससे दंपति की मौत हुई है.

गांव तक जाने पक्की सड़क नहीं, पानी की सुविधा भी नहीं
ग्रामीणों के मुताबिक, विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के अंतर्गत स्थित ग्राम पनगावां घने जंगल के बीच स्थित है. गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है. ग्रामीणों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलता है. बारिश का पानी खेत से होकर गांव की एक ढोढ़ी (नाले ) में गिर रहा है. इसी ढोढ़ी का पानी पीने के बाद ग्रामीणों की स्थिति खराब हुई है.