मुकेश मेहता, बुधनी (सीहोर)। लल्लूराम डॉट कॉम की पहल से गुजरात में बंधक बनाए गए मजदूर सही सलामत अपने घर पहुंच गए है। लल्लूराम डॉट कॉम ने इस खबर को प्रकाशित किया और प्रशासन के संज्ञान में लाया था। जिसके बाद एमपी पुलिस बंधक मजदूरों को गुजरात से वापस अपने प्रदेश लेकर आई। वहीं घर पहुंचने के बाद मजदूरों ने पुलिस और प्रशासन का आभार जताया है।

दरअसल, सीहोर जिले के बुधनी तहसील के खटपुरा गांव के 10 मजदूर गुजरात के मोरबी स्थित सेनलेक्स कंपनी में काम करने गए थे। यह सभी मजदूर 29 अगस्त 2024 को गुजरात के मोरबी पहुंचे थे। सभी मजदूर सीहोर के पास के ठेकेदार रामेश्वर के माध्यम से गए थे। कंपनी इन सभी को बंधक बनाकर काम करा रही थी और उन्हें मजदूरी भी नहीं दी जा रही थी। यह सभी मजदूर अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं।

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लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा

बंधक आदिवासी मजदूरों ने लल्लूराम डॉट कॉम से मदद मांगी थी। साथ ही गुपचुप तरीके से एक बनाया वीडियो भी उपलब्ध कराया। इस मामले को लल्लूराम डॉट काम ने प्रमुखता के साथ उठाकर शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। लल्लूराम डॉट काम ने ‘MP के 10 आदिवासी मजदूरों को गुजरात में बनाया बंधक, ठेकेदार ने हैवानियत की हदें की पार, लल्लूराम डॉट कॉम से मांगी मदद’ शीर्षक के साथ खबर का प्रकाशन किया था।

बंधक मजदूरों को कल सोमवार को एमपी लेकर आई पुलिस

साथ ही इन मजदूरों ने 100 डायल कर पुलिस को सूचित किया और बुदनी के एसडीएम राधेश्याम बघेल और शाहगंज के थाना प्रभारी पंकज वाडेकर तक भी अपनी बात पहुंचाई। एसडीएम बघेल ने शाहगंज थाना प्रभारी को गुजरात पुलिस से समन्वय कर कंपनी वालों पर मजदूरों को मुक्त करने के लिए दबाव बनवाया। साथ ही शाहगंज के तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी ने मजदूरों के घर वापसी के लिए उनके बैंक खाते में नकद राशि ट्रांसफर की। प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी से सभी 10 मजदूर कल 9 सितंबर 2024 को सही सलामत अपने घर खटपुरा पहुंच गए है।

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काम के बहाने बुलाया था गुजरात

कंपनी ने मजदूरों को 17000 रुपए प्रति माह मजदूरी देने का वादा किया था। यह भी बताया गया था कि मोरबी की इस कंपनी में बैनर बनाने के रोल की लोडिंग अनलोडिंग का कार्य किया जाना है। जिसमें प्रति रोल लगभग 30 से 40 किलो वजन होगा। लेकिन वास्तव में बैनर के रोल 70 से 80 किलो वजन के थे। अधिक वजन उठाने की वजह से 3-4 मजदूर बीमार भी हो गए। एक सप्ताह काम करने पर मजदूरों ने वापस जाने के लिए कहा तो कंपनी ने वापस नहीं जाने दिया और बंधक बना लिया। बंधक बनाए जाने पर मजदूरों ने 100 डायल कर पुलिस, एसडीएम को सूचना दी और मदद मांगी गई। सकुशल अपने घर पहुंचने पर इन सभी मजदूरों ने प्रशासन और पुलिस को दिल से धन्यवाद दिया।

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इन्हें बनाया गया था बंधक

बुधनी तहसील के ग्राम खटपुरा निवासी जिन 10 मजदूरों को गुजरात के मोरबी स्थित कंपनी ने बंधक बनाया उनमें पप्पू सोलंकी (30) रामकिशोर सोलंकी (21) प्रेम किशोर (18) अनिल कलमे (22) निखिल लोहरिया (18), संदीप (18) अरूण भुसरिया (21), राकेश (30), अमन सोलंकी (9), धरम वीर (18) शामिल हैं।

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