रायपुर। गृह और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। हर देश और प्रदेश की अपनी अलग पहचान और अलग-अलग विशेषताएं है। कुछ  देशो और राज्यों की आय का प्रमुख स्रोत तो सिर्फ पर्यटन हैै। उन्होेंने कहा कि छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक, धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटक स्थलों को चिन्हाकिंत कर पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित करने बेहतर कार्ययोजना बनाई जाए। मंत्री साहू ने उक्त बातें आज यहां राजधानी के एक निजी होटल में ‘ट्रायवल टूरिज्म’ विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा। कार्यशाला में पर्यटन मंडल की प्रबंध संचालक इफ्फत आरा, संचालक संस्कृति अनिल साहू सहित कवर्धा राज परिवार से योगीराज, कांकेर पैलेस से जाली जी और सारंगढ़ राज परिवार से परिवेश मिश्रा सहित महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ के पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल द्वारा केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय और इंडिया टूरिज्म मुम्बई के सहयोग से किया गया है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि अन्य देशों और राज्यों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी नये तरीके से पर्यटन उद्योग के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह में राष्ट्रीय ट्रायवल डांस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन, जीवकोपार्जन के तौर-तरीके सहित प्राकृतिक पर्यटन स्थलों को एक सर्किट के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। ताम्रध्वज साहू ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि भगवान राम की माता कौशिल्या यहीं की थी, भगवान राम ने अपने वनवास काल का बहुत सा समय छत्तीसगढ़ के जंगलों में बिताया।  जिसे ‘राम वन गमन पथ’ एक सर्किट के रूप में विकसित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

पर्यटन मंत्री ने कार्यशाला में बताया कि राज्य सरकार राम वन गमन पथ के साथ ही ट्रायबल सर्किट विकसित करने की कार्ययोजना बना रही है। साथ ही छत्तीसगढ़ में ट्रायबल टूरिज्म को बढ़ावा देने देने पर्यटन को उ़द्योग के रूप विकसित करने आधुनिक तौर-तरीको और सुविधाओं को ध्यान में रखकर काम कर रही है।