प्रदीप गुप्ता कवर्धा। कबीरधाम जिले के सुर्खियों में रहने वाला जिला हॉस्पिटल एक बार फिर विवादों में फंसते नजर आ रहा है. परिजनों का आऱोप है कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से बैगा आदिवासी महिला की जान चली गई. महिला रात भर पेट दर्द से कराहती रही, लेकिन महिला को इलाज नहीं मिला. बैगा आदिवासी महिला मौत की नींद सो गई, जबकि डॉक्टर्स ने बिना पोस्टमार्टम के लाश परिजनों को सौंप दिया.

दरअसल, मृतक महिला जिले के वनांचल क्षेत्र कंदावानी निवासी जमुना बाई विगत तीन दिनों से पेट दर्द से परेशान थी. पण्डारिया ब्लॉक के कुकदूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा था, लेकिन कल रात अचानक महिला की स्थिति बिगड़ गई. डॉक्टरों ने बेहतर इलाज होगा कहकर जिला अस्पताल भेज दिया.

जिला अस्पताल में महिला को रात में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के अभाव में महिला की जान चली गई. इस दौरान डॉक्टर्स की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. डॉक्टरों ने अपनी नाकामी छुपाने मृत महिला जमुना बाई की पोस्ट मार्टम करने के बजाय परिजनों को चुपके चुपके शव को सौंप दिया.

जैसे ही मामला सामाजिक संगठन और बीजेपी के युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को पता चला. जिला अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया. लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ मामले की जांच कर कार्रवाई करने हंगामा करते रहे.

हालांकि इस मामले में जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जानकारी दी गई, लेकिन CMHO साहब हॉस्पिटल आना मुनासिब नहीं समझे. फोन से नॉर्मल डेथ बता दिए हैं. यूं कहें कि CMHO खुद को अंतरयामी मान रहे हैं. बिना पोस्ट मार्टम के नॉर्मल मौत की बात कह रहे हैं. जिले में ऐसा पहला मामला नहीं है. जिले के भोले भाले आदिवासी बेहतर इलाज के लिए जिला हॉस्पिटल खुशी खुशी आते हैं, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण से आंख को नम कर लौटते हैं.

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