रायपुर। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने माना है कि आदिवासियों की रिहाई में ढीलाई हो रही है. कांग्रेस भवन में मीडिया से बात करते हुए कवासी लखमा ने कहा कि इस मसले पर वे लगातार मुख्यमंत्री और सचिव स्तर के अधिकारियों से बात हो रही है. लेकिन कानूनी प्रक्रिया होने की वजह से थोड़ा वक्त लग रहा है.
कवासी लखमा ने कहा कि सरकार ये सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि रिहाई के बाद किसी किस्म की अड़चन न आए. आदिवासी एक बार छूटें तो छूट जाएं. गौरतलब है कि कांग्रेस का सालों से बंद आदिवासियों को छोड़ने का एक बड़ा चुनावी वादा था. सरकार ने इस दिशा में एक कमेटी बनाई है. पहले चरण में 312 कैदियों को रिहा करना है.
कवासी ने कहा कि 100 बंदियों की रिहाई के आदेश जेल भिजवा दिए गए हैं. बाकि पर भी जल्दी ही फैसला हो जाएगा. प्रदेश की जेलों में 4007 आदिवासियों में से कुछ ऐसे हैं जो जंगल से जलाऊ लकड़ी बीनने, मात्रा से अधिक शराब बनाने, कोई जमानतदार न होने या माओवादी होने के आरोप में 17-18 साल से लंबे समय से बंद हैं.