रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोयला खदानों से प्रभावित आदिवासी बीते 2 महीने से अधिक समय से आंदोलनरत् हैं. जल-जंगल-ज़मीन को बचाने के लिए आदिवासी संघर्षरत् हैं. हसदेव अरण्य को कोयला खदानों से बचाने के लिए आदिवासी अडानी जैसे ताकतवर कारपोरेट घराना से लड़ रहे हैं. सरकार तक भी अपनी मांगों को पहुँचा चुके हैं. lalluram.com में प्रमुखता से आदिवासियों के आंदोलन को जगल मिली है. इस बीच आदिवासियों की पूरी बात पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव तक भी पहुँची थी. सिंहदेव ने lallurma.com से कहा था कि अगर आदिवासी चाहेंगे तो वे उनके बीच पहुँचकर चर्चा करे तो वे जरूर जाएंगे.
पंचायत मंत्री सिंहदेव की ओर से चर्चा करने की जानकारी मिलने के बाद आंदोलनकारी खुद मंत्री तक पहुँचे. उन्होंने मंत्री से कहा कि आप हमारे धरना स्थल पर आइए. हम सभी साथियों के साथ बैठकर आपसे बात करना चाहते हैं. इस आंदोलन से जुड़े छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के शुक्ला ने lalluram.com का अभार जताते हुए कहा कि सरकार की ओर से अब सकारत्मक पहल की उम्मीद है. पंचायत मंत्री अगर आंदोलन स्थल पहुँचेंगे तो यह बड़ी बात होगी. उन्होंने हमारे साथियों से बातचीत की. उम्मीद है जल्द ही वे चर्चा करने के लिए जरूर आएंगे. हम सरकार से बस यही चाहते हैं कि हसदेव अरण्य के इलाके में पहले से कई खदानें संचालित है अब यहाँ खदान खोलने की स्वीकृति न दी जाए. आदिवासियों की ज़मीनों का अधिग्रहण न हो, फर्जी ग्राम सभा के मामले में कार्रवाई हो.
आपको बता दे कि सरगुजा के फतेहपुर गाँव में बीते दो महीने से अधिक समय से आदिवासी धरना दे रहे हैं. सरगुजा, सूरजपुर और कोरबा का संघन वन हसदेव अरण्य कहलाता है. इस इलाके में अभी अडानी खदाने संचालित हैं. इस इलाके में कुछ और खदाने प्रस्तावित है. इसी का विरोध 20 गाँव के लोग कर रहे हैं.