शब्बीर अहमद/यादवेंद्र सिंह, भोपाल/खरगोन। खरगोन के बिस्टान थाने में पुलिस हिरासत में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई। युवक की मौत से आक्रोशित आदिवासी समाज के लोगों ने थाना पर धावा बोल दिया। सैकड़ों की संख्या में आए आदिवासियों ने थाने पर पथराव कर दिया और जमकर तोड़फोड़ मचाई। घटना में 3 पुलिस कर्मियों को चोट आई। उग्र आदिवासियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोलों का उपयोग किया। आदिवासियों के हंगामा की खबर के बाद एसडीएम, एसडीओपी सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात है।

वहीं कांग्रेस ने घटना के बाद सरकार पर आदिवासी वर्ग के साथ दमन और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने मामले में उच्च स्तरीय जांच के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ित परिवारों की मदद की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, “मध्यप्रदेश में आदिवासी वर्ग पर दमन व उत्पीड़न का काम जारी.. नेमावर , नीमच के बाद अब खरगोन ज़िले के बिस्टान थाने में एक आदिवासी व्यक्ति की प्रताड़ना से मौत की जानकारी व बालाघाट ज़िले में स्कूल जाते समय एक आदिवासी छात्रा की हत्या की ख़बर..मै सरकार से माँग करता हूँ कि इन दोनो घटनाओं की उच्च स्तरीय जाँच हो , दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो , पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद हो , उन्हें न्याय मिले।”

उधऱ पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने एमपी पुलिस की तुलना तालिबान से की है। अरुण यादव ने ट्वीट कर खरगोन पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के तालिबानी रिमांड से एक आदिवासी की मौत हो गई इसके साथ ही घटना पर उन्होंने दुख जताया है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, “अब मप्र की पुलिस बनी तालिबानी मामला खरगोन जिले के खैरकुंडी का है, जहाँ चोरी के शक में पुलिसकर्मी 8-10 आदिवासी भाइयों को पकड़कर लाई थी,बिस्टान पुलिस के रिमांड के दौरान एक आदिवासी की मौत हो गई है, घटना दुःखद एवं निंदनीय है।”

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आपको बता दें तीन दिन पहले बिस्टान पुलिस ने चोरी और लूट के संदेह में 12 लोगों को हिरासत में लिया था। पुलिस हिरासत में बिसेन नाम के एक आदिवासी युवक की मौत हो गई।