रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र के कार्रवाई होली अवकाश के बाद सोमवार को पूर्व सांसद सोहन पोटाई को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू हुई. सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के सदस्यों ने सोहन पोटाई के कार्यों को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखा. दिवंगत पोटाई के सम्मान में सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिये स्थगित की गई.

इसके पहले मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि सोहन पोटाई के साथ राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में बहुत काम किया है. भाजपा से 4 बार सांसद रहे. क्षेत्र की विकास के लिए अपनी बात रखते थे. बस्तर के विकास के लिए चिंतित रहते थे. समाज के उत्थान के लिए प्रयासरत रहते थे. उनके जाने से अपूरणीय क्षति हुई है.

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सोहन पोटाई लोकसभा के महत्वपूर्ण कमेटियों के मेंबर थे. बस्तर के मुखर आवाज के रूप में जाने जाते थे. वो आदिवासी और आम जनता की पीड़ा के प्रतिबिंब बनकर सदन में बात रखते थे. बस्तर के लोगों की आवाज सड़क में उठाते रहे. उनके जैसा जुझारू नेता मिलना मुश्किल है.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सोहन पोटाई बस्तर के बुलंद आवाज थे. मेरे पारिवारिक सदस्य थे. बलिराम कश्यप के बाद बस्तर में वे दिग्गज आदिवासी नेता थे. आज वे हमारे बीच नहीं हैं. उनकी कमी हमें हमेशा खलेगी. आदिवासी मुद्दों पर वे हमेशा मुखर रहे.

कांग्रेस विधायक शिशुपाल शोरी ने कहा कि सोहन पोटाई ने आदिवासी हितों को हमेशा पार्टी हित से ऊपर रखा. उन्होंने निष्पक्षता के साथ और बेबाकी से अपनी आवाज़ को बुलंद की. पोटाई जी हमारा पारिवारिक संबंध रहा. मैं उन्हें अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की.

भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहिले ने कहा कि आदिवासी समाज के लिए पूरी तरह समर्पित रहे. मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा सोहन पोटाई कांकेर लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय नेता रहे. उन्होंने आदिवासी मुद्दों को मुखरता से उठाया. वे शोषण मुक्त समाज की संरचना के पक्षधर थे. मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.

मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सोहन पोटाई आदिवासी समाज के एक मजबूत नेता को हमने खो दिया. 4 बार लोकसभा सांसद रहना पोटाई की लोकप्रियता थी. आदिवासी समाज के मुद्दों को बस्तर से सरगुजा तक उठाते रहे. बीमार होने के बाद भी समाज की गतिविधियों में सक्रिय रहे. मैं उन्हें अपनी ओर से, बस्तरवासियों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.

विधानसभा उपाध्यक्ष संतकुमार नेताम ने कहा कि सोहन पोटाई से परिचय उनके मेरे क्षेत्र में पोस्ट ऑफिस में नौकरी के दौरान से थी. उनसे मेरा राजनीतिक और विचाधारा का टकराव रहा है, लेकिन आदिवासी हितों के लिए उन्होंने हमेशा लड़ाई लड़ी.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने शोकाकुल परिवार को सदन की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की. सदन में दो मिनट का मौन रखा गया और दिवगंत पोटाई के सम्मान में कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की.

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