रवि शुक्ला,मुंगेली. प्रदेश सरकार की सामर्थ योजना के द्वारा दी गई दिव्यांगों को बैट्री चलित साइकल कुछ महीने बाद ही खराब हो चुके है. दिव्यांग बनवाने के लिए ऑफिस का चक्कर काट रहे है. लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है. जिले में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सामर्थ योजना के तहत दिव्यांगों को वितरण की गई बैट्री चलित ट्राई साइकिल गुणवत्ता विहीन माना जा रहा है. एक दो महीने बाद खराब हो रहा है जिसे बनवाने के लिए हितग्राही कार्यालय के चक्कर लगा लगा के थक गए है, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इनके समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे है.
अधिकारी बाद में आने की दे रहे नसीहत
मुंगेली जिले के समाज कल्याण विभाग द्वारा जिले के ब्लॉक लोरमी, पथरिया, मुंगेली के दिव्यांगो को 260 बैटरी चलित ट्राई साइकिल वितरण किया गया था. जो कि दो तीन महीने बाद खराब होने लगा है. जिसे बनवाने के लिए तीन से चार महीनों ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है. बैट्री चलित ट्राई साइकिल खराब होने के बाद इसका समान जिले में नहीं मिलता और जब अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया जाता है, तो उन्हें बाद में आने की बात कह कर टाल दिया जाता है.
गुणवत्ता विहीन साइकिल बांटने का आरोप
इस मामले में कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष राकेश पात्रे ने प्रदेश शासन के द्वारा गुणवत्ता विहीन साइकिल बांटने का आरोप लगाते हुए इसे दिव्यांगों का अपमान बताया है. साथ ही अधिकारियों द्वारा जिस तरह से दिव्यांगों को अपने कार्यालय के चक्कर लगवा रहे है उसकी निंदा करते हुए कहा कि अगर दिव्यांगों की समस्याओं का जल्द निराकरण नहीं हुआ तो हमारे द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा.
संसाधनों की कमी
वहीं समाज कल्याण विभाग के अधिकारी समस्याओं का जल्द निराकरण करने की बात तो कह रहे है, लेकिन वें यह भी मान रहे है कि हमारे यहां जरूरी संसाधनों की कमी है. जिसके चलते दिव्यांगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
बहरहाल शासन द्वारा दिव्यांगों की समस्याओं को देखते हुए और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई योजनाएं संचालित किए जा रहे है और इन योजनाओं में करोड़ों रुपए भी खर्च किये जा रहे है. लेकिन इन योजनाओं को लेकर अधिकारी कितने गंभीर है इसका जमीनी हकीकत इनके खुद के कार्यालय के बाहर नजर आता है. अब देखना होगा के इन दिव्यांगों की समस्याओं का निराकरण कब तक हो पाता है.