अमित पाण्डेय, खैरागढ़. जिले का आख़िरी या यू कहे छत्तीसगढ़ राज्य का आख़िरी गांव कटेमा जिनके जंगलों में कभी गोलियों की आवाज़ गूंजा करती थी, लेकिन आज वहां पहली बार भारत का राष्ट्रगान गूंज रहा है. देश भर में आज 75वें गणतंत्र की धूम के बीच वनांचल ग्राम कटेमा से भी सुखद तस्वीरे सामने आई हैं. जहां आईटीबीपी कैम्प कमांडर श्याम भट्ट के नेतृत्व में कटेमा कैंप में ध्वजारोहण कार्यक्रम किया गया, जिसमें कटेमा के सभी ग्रामीण भी शामिल हुए.

बता दें कि, कटेमावासियों का ये पहला मौक़ा होगा जो उन्होंने निर्भीक होकर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी होगी. ग्रामीणों का कहना है कि, कटेमा कैंप खुलने से वे अब सुरक्षित महसूस करते हैं. गांव में पहली बार गणतंत्र दिवस ऐसे उत्सव के रूप में मनाया गया है. कैंप में आज पूरे गांव का भोजन बना था. बच्चे बूढ़े सब आज पहली बार बेख़ौफ़ होकर भारत माता की जय के नारे के साथ उत्सव मना रहे हैं. पहले स्कूल के शिक्षक जान हथेली पर लेकर उत्सव मानते थे, लेकिन इस बार वो भी निर्भीक होकर राष्ट्रीय पर्व धूमधाम से मना रहे हैं.



कैंप स्थापना के साथ ही आईटीबीपी लगातार ग्रामीणों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्य करने में लगी हुई है. जिसका परिणाम घोर नक्सल प्रभावित अंतर्राज्यीय ट्राय जंक्सन कटेमा आज गोलियों की जगह जन गण मन से गूंज उठा.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें