Tridev Trigraha Sadhana: आध्यात्मिक जगत में इन दिनों “त्रिदेव-त्रिग्रह साधना” चर्चा का विषय बनी हुई है. कहा जाता है कि यदि कोई साधक बुधवार, गुरुवार और शनिवार इन तीन दिनों को संयम, ध्यान और जप से जोड़ देता है, तो उसका मन, बुद्धि और कर्म तीनों शुद्ध होकर असाधारण फल देते हैं.
Also Read This: अपने जन्म नक्षत्र की पूजा से बदलें किस्मत, मिलेगी मनचाही सफलता

Tridev Trigraha Sadhana
बुधवार को बुध ग्रह के प्रभाव से बुद्धि निर्मल होती है. इस दिन सत्य, मौन और नामजप का अभ्यास मनोबल बढ़ाता है.
गुरुवार को गुरु ग्रह साधक को ज्ञान और स्थिरता प्रदान करता है. इस दिन ब्रह्मविचार, गुरु उपासना और स्वाध्याय से जीवन में दिशा मिलती है. शनिवार शनि देव का दिन है. संयम, सेवा और आत्मचिंतन द्वारा साधक अपने कर्मों का परिष्कार करता है.
Also Read This: देवउठनी एकादशी पर दुर्लभ त्रिस्पर्शा योग; विष्णु जागरण, तुलसी विवाह और मांगलिक कार्यों का शुभ संयोग
आचार्य परंपरा में यह त्रिदिन साधना त्रिदेवों का आह्वान मानी जाती है. बुधवार में ब्रह्मा की सृष्टि शक्ति, गुरुवार में विष्णु की पालन शक्ति और शनिवार में महेश की संहार शक्ति का संतुलित रूप जागृत होता है.
Tridev Trigraha Sadhana. धार्मिक मान्यता है कि यदि साधक इस त्रिग्रह-त्रिदेव साधना को 21 सप्ताह तक निरंतर करता है, तो जीवन में मानसिक शांति, आर्थिक संतुलन और आत्मिक तेज प्राप्त होता है. यह साधना किसी भी धर्मावलंबी द्वारा की जा सकती है, बस शुद्ध संकल्प और सतत अनुशासन आवश्यक है.
Also Read This: कार्तिक पूर्णिमा : कृतिका नक्षत्र में स्नान, दान और दीपदान से मिलेगा अक्षय फल…
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

