रायपुर- रायपुर उत्तर विधानसभा से भारी कशमकश के बीच टिकट हासिल करने में कामयाब रहे भाजपा विधायक श्रीचंद सुंदरानी के लिये इस बार राह आसान नहीं है. मिल रही जानकारी के मुताबिक श्रीचंद के सामने कई ऐसी परेशानियां आ रहीं हैं,जिनसे फिलहाल उन्हें गंभीरता से जूझना पड़ रहा है. श्रीचंद सुंदरानी को विधायक बनाने में जिस सिंधी समाज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, उसी समाज से इस बार उन्हें विरोध की स्थिति का सामना करना पड रहा है. समाज के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने बातचीत में बताया कि विधायक बनने के बाद श्रीचंद ने समाज से जुडे लोगों और समाज के हितों को ज्यादा प्राथमिकता नहीं दी,जिससे समाज का एक बड़ा तबका नाराज है.यही कारण है कि रायपुर उत्तर से अमर पारवानी को टिकट दिये जाने की मांग को लेकर समाज ने बैठक भी की थी. इसके अलावा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के उम्मीदवार अमर गिदवानी भी समाज के बड़े वोट बैंक में सेंध मारने में कामयाब होते दिखाई दे रहें हैं. सिंधी समाज का नाराज तबका इस बार अमर गिदवानी का समर्थन करने के मूड में दिखाई दे रहा है.
इसके अलावा व्यापारी समुदाय भी विधायक के रुप में श्रीचंद सुंदरानी के कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है. बताया जाता है कि चेम्बर ऑफ कॉमर्स की अंदरूनी राजनीति में सुंदरानी इतने उलझ गये कि उनसे व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग नाराज हो गया. रायपुर उत्तर के कुछ व्यापारी मतदाताओं की मानें,तो उनका कहना है कि चेंबर की राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी दिखाने के कारण और व्यापारियों की समस्याओं के प्रति उदासीन रवैया अपनाने के कारण ज्यादातर व्यापारी श्रीचंद से नाराज हैं.
सिंधी समाज और व्यापारियों की नाराजगी का सीधा फायदा फिलहाल कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप जुनेजा को मिलता दिखाई दे रहा है. जुनेजा अपनी सादगी और मिलनसारिता के कारण इस विधानसभा इलाके में बेहद लोकप्रिय माने जाते हैं.पिछले चुनाव में भी बहुत मामूली अंतर से जुनेजा की हार हुई थी और उसके बाद से ही जुनेजा लगातार 5 साल तक आम जनता के बीच राजनीतिक रुप से सक्रिय थे. जुनेजा की इस सक्रियता का लाभ इन दिनों उनके चुनाव प्रचार में देखने को मिल रहा है.
इन तमाम परेशानियों से जूझते हुए श्रीचंद सुंदरानी परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने की जी तोड कोशिश कर रहें हैं,लेकिन फिलहाल बात बन नहीं पा रही है. अब देखना होगा कि चुनाव के आखिरी एक सप्ताह में नाराज सिंधी समाज और व्यापारियों को अपने पक्ष में करने में श्रीचंद कितने कामयाब हो पातें हैं.