विप्लव गुप्ता,पेंड्रा। विकासखंड मरवाही के दो प्रमुख विभाग के शीर्ष अधिकारियों में खींचतान और तनातनी इतनी बढ़ गई कि दोनों ने ही एक दूसरे के कार्यालय को खाली कराने का नोटिस जारी कर दिया.
अवैध रेत उत्खनन के मामले में तहसीलदार तुलसीदास मरकाम के द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही थी जिससे पंचायत के कार्यों में एवं पंचायत कार्यों से जुड़े ठेकेदारों में नाराजगी थी जिनके प्रभाव में आकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मरवाही के द्वारा तहसीलदार को एक नोटिस भेजा गया.
नोटिस में कहा गया कि जिस भवन पर तहसील कार्यालय संचालित है वह पूर्व में जनपद पंचायत मरवाही का भवन था और अब एक अन्य योजना के तहत उस भवन की आवश्यकता है तो उसे खाली करें. वहीं तहसीलदार तुलसीदास मरकाम ने भी अपने पद का उपयोग करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मरवाही को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वर्तमान में जनपद पंचायत कार्यालय बड़े झाड़ एवं जंगल की भूमि पर बना हुआ था. जो कि दंडनीय अपराध है और पत्र के माध्यम से जनपद पंचायत के ऊपर ₹25000 अर्थदंड लगाकर भवन को जल्द से जल्द खाली करने के लिए कहा है.
इस पूरे मामले में दोनों ही विभाग की आपसी खींचतान सबके सामने आ गई है और उच्च अधिकारी दोनों ही अधिकारियों को बुलाकर मामले में पटाक्षेप करने की बात कह रहे हैं. लेकिन इन सब से यह बात तो सामने आ रही है कि शासन द्वारा अपने कार्यों को पूरा करने के लिए समय-समय पर नियमों की अनदेखी की जाती है वही आम जनों के कार्यों के लिए उन्हें नियमों की आड़ में लगातार भटकाया जाता है.
जनपद पंचायत सीईओ जीडी ठाकुर ने बताया कि तहसील कार्यालयजहां संचालित है वहां पूर्व में जनपद पंचायत मरवाही का भवन था और अब एक अन्य योजना के तहत उस भवन की आवश्यकता है जिसके लिए तहसीलदार को नोटिस भेजा गया है.
वहीं तहसीलदार तुलसीदास मरकाम ने बताया कि वर्तमान में जनपद पंचायत कार्यालय बड़े झाड़ एवं जंगल की भूमि पर बना हुआ था. जो कि दंडनीय अपराध है जनपद पंचायत के ऊपर ₹25000 अर्थदंड लगाकर भवन को जल्द से जल्द खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है.