कुशीनगर. बिजली विभाग ने गांव-गांव कैंप लगाकर फ्री कनेक्शन तो बांट दिए. इससे फीडर व तार में लोड बढ़ गया, लेकिन बिजली आपूर्ति 40 साल पुराने फीडर तार व पोल से ही की जा रही है. फाल्ट व लो बोल्टेज की समस्या से उपभोक्ता जूझ रहे हैं. शिकायत के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं किया जा रहा तो आए दिन फाल्ट के चलते बिजली आपूर्ति सप्ताह-सप्ताह भर गांवों में नहीं मिल पाती. वहीं जिम्मेदार अधिकारी आफिसों में बैठ केवल कागजी कार्रवाई में जुटे रहते हैं. भीषण गर्मी में उपभोक्ता बिजली आपूर्ति ठप रहने से परेशान हैं.

विद्युत उपकेंद्र भूजौली से 65 गांवों में बिजली आपूर्ति की जाती है. पुराने फीडर जर्जर तार के सहारे बिजली आपूर्ति की जा रही है. सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का रोस्टर जारी किया है, लेकिन संसाधन के अभाव में फाल्ट की वजह से महज 5 से 6 घंटे ही बिजली मिलती है. ग्रामीणों का कहना हैं की लोगों ने बताया कि विद्युतीकरण हुए पचासों बर्ष हो गये लेकिन इसके बाद से आज तक तार को नहीं बदला गया. खंभे जर्जर व टेढ़े हो गए हैं. जरा सी हवा चलने पर तार टूट कर गिर जाता है. ऐसे में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो जा रही है.

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वहीं आए दिन दुर्घटना भी होती रहती हैं. लोगों का कहना है कि विभाग पुराने तार को बदलने के बजाए बचे केबल डाल रहा है. जो बेहद ढीले होकर लटक रहे हैं. इसके कारण हादसे हो सकते हैं. 1970 में विद्युत पोल लगाएं गए थे. इसके बाद किसी प्रकार का मरम्मत कार्य नहीं किया गया. जबकि सड़कें व गलियां दर्जनों बार ऊंची हो चुकी है. तार ढीले होकर हादसे का कारण बन रहे. विभाग केवल बिजली का बिल वसूलता है. व्यवस्था से उनका कोई मतलब नहीं है. फाल्ट होने पर बार-बार शिकायत करने पर भी उनको किसी प्रकार का मतलब नहीं रहता. जब तक इन जर्जर व ढीले तार को बदला नहीं जाता.

उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. लोगों को बेहतर सुविधा मिले यह विभाग का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए, लेकिन यह नहीं हो रहा है. वहीं विभाग की मानें तो मेन सप्लाई विद्युत तार व पोल आज तक नहीं बदले गए हैं. विभाग द्वारा स्टीमेट बना के भेज दिया गया, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती, जिसके वजह से फाल्ट की समस्या बनी रहती.

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