नई दिल्ली . दिल्ली में अब सबसे खराब हवा वाले दिनों की शुरुआत हो गई है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति का आकलन है कि साल में एक से 15 नवंबर के बीच दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहता है.

वर्ष 2018 से 2023 तक के पांच साल में प्रदूषण के विश्लेषण के आधार पर चार ऐसे पखवाड़े पाए गए हैं जब प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहता है. इसमें भी एक नवंबर से 15 नवंबर का पखवाड़ा सबसे ज्यादा प्रदूषित रहता रहा है. इसके बाद 16 से 31 दिसंबर का पखवाड़ा सबसे ज्यादा प्रदूषित रहता है.

दिल्ली में इस बार का अक्तूबर महीना तीन वर्षों में सबसे प्रदूषित रहा. सामान्य बारिश न होने के चलते भी लोगों को ज्यादा दूषित हवा का सामना करना पड़ा.

केंद्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक, जनवरी से अक्तूबर तक के आंकड़े देखें तो इस बार पहले की तुलना में प्रदूषण का स्तर कम रहा. हालांकि, बारिश की कमी से 2021 और 2022 की तुलना में इस बार अक्तूबर में प्रदूषण स्तर ज्यादा रहा. इस बार अक्तूबर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 219 रहा. वर्ष 2022 में यह 210 और वर्ष 2021 में यह 173 अंक पर था. दरअसल, वर्ष 2022 में अक्तूबर में 128.6 और वर्ष 2021 में 122.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी. जबकि, इस बार अक्तूबर माह में सिर्फ 5.4 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज की गई है. जो सामान्य से 64कम है.

2020 के बाद अक्तूबर सबसे प्रदूषित

दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण पर गंभीर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि कुछ दशक पहले तक दिल्ली में यह सबसे अच्छा समय होता था, लेकिन खराब वायु गुणवत्ता से शहर संकट में है और घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है.