Donald Trump Labelled Wines: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विवादों का चोली-दामन वाला साथ है। ट्रंप कुछ भी करें या कहें, वो विवादों में आ ही जाते हैं या विवादित होता है। अब डोनाल्ड ट्रंप को लेकर अमेरिका में एक नया विवाद शुरू हो गया है। मामला अमेरिकी सैन्य स्टोरों में ट्रंप ब्रांडेड शराब (वाइन) बेचने का है। फोर्ब्स मैगजीन (Forbes) की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी मिलिट्री कैंटीन (US military canteens) में ट्रंप ब्रांडेड शराब (वाइन) बेची जा रही है। फोर्ब्स मैगजीन ने बताया कि छुट्टियों के मौसम से पहले वाशिंगटन डीसी, सेंट्रेविले और वर्जीनिया में सैन्य कर्मियों के लिए ड्यूटी फ्री स्टोर्स की अलमारियों पर ट्रंप -लेबल वाली वाइन और साइडर दिखाई दिए।

अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बिक्री की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने कहा कि इससे किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है। ट्रंप के प्रतिनिधियों ने जोर देकर कहा कि ये उत्पाद ट्रंप ब्रांड के कई अन्य उत्पादों की तरह एक लाइसेंसिंग व्यवस्था का हिस्सा हैं और राष्ट्रपति का इनसे कोई लेना देना नहीं है।

वहीं दूसरी ओर निगरानी समूहों ने इस शराब बिक्री की निंदा करते हुए इसे संघीय सुविधाओं का जबरदस्त मुद्रीकरण बताया। भले ही कोई सीधा कानूनी उल्लंघन साबित न हो सका हो। वाशिंगटन में सिटीजन्स फॉर रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड एथिक्स (CREW) के प्रवक्ता जॉर्डन लिबोविट्ज़ ने कहा कि यह उन मामलों में से एक है जहां शायद कोई कानूनी मुद्दा नहीं है, लेकिन नैतिकता का मुद्दा ज़रूर है। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार इन उत्पादों को थोक में खरीदती है तो यह संविधान के पारिश्रमिक खंड का उल्लंघन हो सकता है, जो राष्ट्रपतियों को वेतन के अलावा किसी भी अतिरिक्त लाभ से वंचित करता है।

अमेरिका-भारत संबंध पटरी से उतरने का कारण
हालांकि यह घटना ट्रंप फैमिली के कथित सेल्फ इनरिचमेंट (आत्म-संवर्धन) के एक व्यापक पैटर्न से मेल खाती है, जिसमें क्रिप्टो वेंचर में प्रवेश भी शामिल है। इसे लेकर आलोचकों का कहना है कि इसने अमेरिका-भारत संबंधों को पटरी से उतार दिया है। 2025 की शुरुआत में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) जो कि एक वित्तीय प्लेटफ़ॉर्म है और जिसका अधिकांश स्वामित्व ट्रंप परिवार के पास है। (जिसमें डोनाल्ड ट्रंप “मुख्य क्रिप्टो एडवोकेट” के रूप में और उनके बेटे एरिक और डोनाल्ड जूनियर नेतृत्वकारी भूमिकाओं में हैं, जिनकी कथित तौर पर 60 फीसदी हिस्सेदारी है) इन्होंने पाकिस्तान की नवगठित क्रिप्टो सीएच काउंसिल (PCC) के साथ एक हाई-प्रोफाइल लेटर ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर किए हैं।

पहलगाम आतंकवादी हमले से जुड़े तार
इस पार्टनरशिप के बारे में कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि इसने पाकिस्तानी डीप स्टेट को 26 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित किया होगा। ये डील WLF के सह-संस्थापक जाचरी विटकॉफ के नेतृत्व में हुई थी, जो ट्रम्प के लंबे समय के सहयोगी और कूटनीतिक संकटमोचक स्टीव विटकॉफ के बेटे हैं। इस साझेदारी को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन का मानना ​​है कि शायद इसी वजह से ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ नरमी बरती और भारत से ज़्यादा तरजीह दी।

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