डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की कैबिनेट इन दिनों ‘Signal Gate’ को लेकर विवादों में है. ट्रंप कैबिनेट की सीक्रेट चैट ग्रुप में चल रही प्लानिंग सामने आने के हड़कंप मच गया. अमेरिकी NSA की एक गलती अब भारी पड़ती नजर आ रही है. दरअसल सिग्नल एक मैसेजिंग ऐप है, जिसमें ट्रंप कैबिनेट के 18 कद्दावर मंत्रियों ने मिलकर एक ग्रुप बनाया है. Houthi PC Small Group नाम के इस ग्रुप में अमेरिका (United States) के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से लेकर रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वॉल्ट्ज, एफबीआई चीफ काश पटेल और नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड जैसे कई हाई प्रोफाइल मंत्री हैं.

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इसी चैट ग्रुप में ट्रंप कैबिनेट यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की पूरी प्लानिंग कर रही थी. लेकिन एनएसए वॉल्ट्ज ने गलती से अमेरिकी मैगजीन The Atlantic के एडिटर इन चीफ जेफ्रे गोल्डबर्ग को इस ग्रुप में शामिल कर लिया. पत्रकार गोल्डबर्ग का कहना है कि वह यह जानकर हैरान रह गए कि इस ग्रुप में यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की प्लानिंग हो रही थी. ग्रुप में कौन सा हमला, कब, कहां और किन हथियारों से करना है. इस चैट ग्रुप से जुड़ने के बाद गोल्डबर्ग ने यह पूरी गोपनीय जानकारी सार्वजनिक किया.

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गोल्डबर्ग ने कहा कि 11 मार्च को मुझे माइकल वॉल्ट्ज नाम के एक यूजर से सिग्नल पर कनेक्शन रिक्वेस्ट मिली. पत्रकार गोल्डबर्ग कहते हैं कि शुरुआत में मैं समझ ही नहीं पाया कि यह माइकल वॉल्ट्ज ट्रंप कैबिनेट में एनएसए वॉल्ट्ज हैं. मैंने उनसे पहले भी मुलाकात की है लेकिन मुझे लगा कि माइकल वॉल्ट्ज के नाम से किसी शख्स ने मुझे शामिल किया है. हालांकि बाद में मुझे एहसास हो गया कि मैं ट्रंप की कैबिनेट के साथी इस ग्रुप से जुड़े हुए हैं.  

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गोल्डबर्ग ने बताया कि रिक्वेस्ट स्वीकार करने के दो दिन बाद शाम 4.28 बजे मुझे नोटिस मिला कि मुझे Houthi PC small group नाम के सिग्नलल चैट ग्रुप में शामिल किया गया है. ग्रुप में शामिल होने के बाद यह मैसेज किया गया कि हूती विद्रोहियों पर हमला करने के लिए इस ग्रुप के जरिए कॉर्डिनेशन किया जाएगा.

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ट्रंप कैबिनेट का चैट

अमेरिकी NSA माइक वॉल्ट्ज- हूतियों के खिलाफ ऑपरेशन को लेकर प्रिसिंपल ग्रुप बना रहे हैं. इस ग्रुप से कॉर्डिनेशन के लिए सुझाव दें. अगले 72 घंटों में पहला हमला होगा. मेरे डिप्टी एलेक्स वॉन्ग इसे लेकर एक दल तैयार कर रहे हैं. प्लीज अपनी-अपनी टीम से कॉर्डिनेशन के लिए एक प्रतिनिधि चुनें.

विदेश मंत्री मार्को रुबियो- विदेश मंत्रालय की ओर से माइक नीधम

जेडी वेंस- उपराष्ट्रपति की ओर से एंडी बेकर

तुलसी गबार्ड- DNI की तरफ से जो केन्ट

स्कॉट– वित्त मंत्रालय की तरफ से डैन काट्ज

पीट हेगसेथ- रक्षा मंत्रालय की ओर से डैन काल्डवेल

ब्रायन- NSC की ओर से ब्रायन मैक्कॉर्मेक

माइक वॉल्ट्ज- टीम राष्ट्रपति के दिशानिर्देश अनुसार आपको अहम जानकारियां भेजी गई हैं.

जेडी वेंस- टीम, मैं एक बिजनेस मीटिंग के सिलसिले में मिशिगन जा रहा हूं. लेकिन मुझे लगता है कि हम गलती कर रहे हैं. अमेरिका का 3 फीसदी कारोबार सुएज नहर के जरिए होता है जबकि यूरोप इस रास्ते से 40 फीसदी कारोबार करता है. यही असली जोखिम है कि जनता इस जोखिम को नहीं समझती. 

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गोल्डबर्ग ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं. उन्हें पढ़कर साफ पता चल रहा है कि यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले का प्लान तैयार किया गया और एक दूसरे को जानकारी दी गई कि कब और कैसे हूतियों पर हमला होगा. हालांकि, जेडी वेंस इससे कुछ खास प्रभावित नजर नहीं आए. 

जेडी वेंस: अगर आप सोचते हैं कि हमें ये करना चाहिए तो आगे बढ़ते हैं. यूरोप को फिर से मदद करने से मुझे बस नफरत है. 

पीट हेगसेथ: यूरोप की मुफ्तखोरी के प्रति आपकी नफरत से मैं सहमत हूं. यह बहुत दयनीय है.

पीट हेगसेथ: F-18, जिसने पहला स्ट्राइक पैकेज बनाया है. वह दोपहर 12.14 बजे लॉन्च होगा और मैसेज भेजे जाने के दो घंटे से अधिक समय बाद हूतियों के ठिकानों पर हमला करेगा. 

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हमले के बाद ग्रुप के सदस्यों को शाबासी

हूती ठिकानों पर हमले के बाद ग्रुप में एक दूसरे को शाबासी दी गई. NSA वॉल्ट्ज ने पहले हमले के बाद ग्रुप में तीन इमोजी पोस्ट की, जिसमें पहली इमोजी मुट्ठी की, दूसरी अमेरिकी झंडे और तीसरी आग की थी. इन इमोजी से वॉल्ट्ज ने ताकत और अपने दम का प्रदर्शन किया.  वाॅल्टज के बाद मिडिल ईस्ट में अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने इसके जवाब में पांच इमोजी बनाए, जिनमें पहला इमोजी हाथ जोड़ते हुए, दूसरा बाइसेप्स दिखाते हुए और फिर दो अमेरिकी झंडे थे.

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वहीं जब ट्रंप से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. साथ ही उन्होंने द अटलांटिक पर भी तंज कसते हुए कहा कि मैं इसका फैन नहीं हूं. ट्रंप ने आगे कहा, मेरे लिए तो अटलांटिक एक ऐसी मैगज़ीन है जो बंद होने वाली है.

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