रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत पर भारी-भरकम टैरिफ का दंड लगाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब EU (यूरोपियन यूनियन) के पीछे पड़ गए हैं. गुरुवार को दुनिया भर के नेताओं के साथ एक बैठक में उन्होंने कहा कि यूरोप को रूसी तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने के लिए चीन पर आर्थिक दबाव डालना चाहिए.
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने अमेरिका ब्रॉडकास्टर सीएनएन को यह जानकारी दी. ट्रंप ने गुरुवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ ‘Coalition of the Willing’ की बैठक में यह टिप्पणी की. यह यूक्रेनी सहयोगियों का एक समूह है जो युद्ध को समाप्त करने और भविष्य के हमलों से यूक्रेन को सुरक्षा प्रदान करने की कोशिश कर रहा है.
यूरोपीय देशों पर ट्रंप की टिप्पणी के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन में शांति को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि 26 देशों ने वादा किया है कि अगर युद्ध विराम समझौते को अंतिम रूप दिया जाता है तो वे संभावित शांति सेना में योगदान देंगे. हालांकि, माना जाता है कि अमेरिकी के बिना यूरोपीय देश यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी नहीं दे पाएंगे.
मैक्रों ने गुरुवार को इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि यूक्रेन की सेना को मजबूत करने और यूक्रेन में यूरोपीय सैनिकों को तैनात करने में तीसरा फैक्टर अमेरिका का ‘सेफ्टी नेट’ होना चाहिए. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘आने वाले दिनों में हम इन सुरक्षा गारंटियों के लिए अमेरिकी समर्थन को अंतिम रूप दे देंगे.’
पुतिन के साथ मीटिंग फेल होने से हताश दिख रहे ट्रंप
ट्रंप और यूरोपीय नेताओं की यह बैठक यूक्रेन में युद्ध समाप्त न करा पाने की ट्रंप की हताशा के बीच हो रही है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का शिखर सम्मेलन के लगभग तीन हफ्ते बाद भी ट्रंप शांति वार्ता में प्रगति न होने से लगातार निराश हो रहे हैं.
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि ट्रंप इस बात पर विचार कर रहे हैं कि रूस और यूक्रेनी नेताओं के बीच बैठक कराने में उन्हें पर्सनली कितना शामिल होना चाहिए. रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी आरआईए के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने शुक्रवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच किसी भी शीर्ष स्तरीय बैठक से पहले ‘काफी काम’ करने की जरूरत है.
व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि मैक्रों और यूरोपीय नेताओं ने ट्रंप को बैठक में बुलाया था जिसमें ट्रंप ने ‘इस बात पर जोर दिया कि यूरोप को रूसी तेल खरीदना बंद करना चाहिए क्योंकि इससे रूस को युद्ध में मदद मिल रही है. ट्रंप ने यह भी कहा कि रूस ने एक साल में यूरोपीय संघ को ईंधन बेचकर 1.1 अरब यूरो कमाया है.
अधिकारी ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि यूरोपीय नेताओं को रूस के युद्ध प्रयासों की फंडिंग के लिए चीन पर आर्थिक दबाव डालना चाहिए.’
रूस के साथ व्यापार करने वालों को निशाना बना रहे ट्रंप लेकिन…
रिपोर्ट में कहा गया कि भले ही ट्रंप रूस के साथ बिजनेस करने वाले देशों को निशाना बना रहे हैं लेकिन निजी तौर पर वो इस बात से फिक्रमंद भी हैं कि ऐसा करने से रूस के साथ यूक्रेन में युद्ध खत्म करने की वार्ता प्रभावित हो सकती है. बुधवार को जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वो रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं, तो ट्रंप ने कहा कि वो ऐसा पहले ही कर चुके हैं. ट्रंप ने कहा, ‘मैंने भारत के संबंध में पहले ही ऐसा कर दिया है.’ उन्होंने रूसी तेल आयात करने को लेकर भारत पर टैरिफ बढ़ाकर 50% करने के अपने फैसले का जिक्र किया.
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