बार-बार अपने बदलते बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत-पाक सीजफायर को लेकर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ गया था कि वे परमाणु जंग के बहुत करीब पहुंच गए थे।
ट्रम्प ने शुक्रवार को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ये बातें कही। उन्होंने कहा कि, ‘हालात बहुत गंभीर हो गए थे। अगला कदम क्या होता, आप जानते हैं… ‘N वर्ड’। यानी न्यूक्लियर वॉर।
विदेश नीति की सफलताओं पर ट्रम्प ने कहा कि भारत-पाकिस्तान जंग को रोकना उनकी सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है। हालांकि उन्हें इसका क्रेडिट नहीं मिला।’
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ट्रम्प बोले- शांति के लिए कर रहा बिजनेस का इस्तेमाल
ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों को जंग रोकने के बदले उनके साथ ट्रेड करने का प्रस्ताव रखा था। ‘अब मैं बिजनेस का इस्तेमाल हिसाब चुकता करने और शांति स्थापित करने के लिए कर रहा हूं।’
संघर्ष विराम समझौते से खुश
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते से खुश हैं। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह समझौता जारी रहेगा।” संघर्ष के बारे में बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “आपने दोनों देशों के बीच अनबन का स्तर देखा होगा, वह अच्छी बात नहीं थी।”
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भारत-पाक सीजफायर पर ट्रम्प 5 बार दे चुके हैं बयान
पहला: 10 मई- सीजफायर पर पहला बयान, जंग रोकने का दावा किया
‘भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए राजी हो गए हैं। मैं दोनों देशों को कॉमनसेंस, समझदारी से भरा फैसला लेने के लिए बधाई देता हूं।’
दूसरा: 11 मई- कश्मीर मुद्दे पर हल निकालने की कोशिश करूंगा
‘मुझे भारत और पाकिस्तान की मजबूत लीडरशिप पर बहुत गर्व है, जिन्होंने ताकत, समझदारी और हिम्मत दिखाकर यह फैसला लिया कि अब मौजूदा तनाव को रोकने का समय है। यह तनाव लाखों लोगों की मौत और तबाही का कारण बन सकता था।’
तीसरा: 12 मई- मैंने भारत-PAK के बीच परमाणु जंग रोकी
‘मैंने परमाणु जंग रोक दी है। अमेरिका ने दोनों देशों के बीच सीजफायर कराने में मदद की है। मुझे यकीन है कि यह सीजफायर स्थायी होगा। दोनों देशों के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं, इससे एक भीषण परमाणु जंग छिड़ सकती थी।’
चौथा: 13 मई- सीजफायर के लिए बिजनेस का इस्तेमाल किया
‘दोनों देशों के बीच सीजफायर में मध्यस्थता के लिए मैंने काफी हद तक बिजनेस का इस्तेमाल किया। मेरा सबसे बड़ा सपना शांति स्थापित करने का है। मैं विभाजन नहीं, एकता चाहता हूं।’
पांचवां: 15 मई- सीजफायर नहीं कराया, सिर्फ मदद की
‘मैंने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता नहीं कराई, लेकिन मैंने मदद की है। मैं ये नहीं कहता कि ये मैंने किया, लेकिन ये पक्का है कि पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान के बीच जो हुआ, मैंने उसे सेटल करने में मदद की।’
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