अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट एतिहासिक कदम उठाने जा रहा है. राम मंदिर मामले की सुनवाई के दौरान जो भी साक्ष्य जमा किए गए थे, उसे ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट से वापस मांगेगा. ट्रस्ट की और से औपचारिक पत्र लिखकर न्यायालय से अनुरोध किया जाएगा. साक्ष्य वापस मिलने के बाद इसे राम मंदिर परिसर में बने संग्रहालय में रखा जाएगा. जिससे श्रद्धालु और शोधार्थी इसे देख और समझ सकें.

श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर परिसर में स्थित रामकथा संग्रहालय में 20 गैलरियां बन रही हैं. गैलरियों की पटकथा तय हो गई है. गैलरी में क्या-क्या होगा यह भी तय हो गया है. इनमें रामायण काल से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा. इसके लिए आईआईटी चेन्नई के साथ एमओयू किया जा रहा है. हनुमान जी की गैलरी तकनीकी दृष्टि से बहुत उच्च होगी. गैलरियों के प्रदर्शन का ट्रायल फरवरी में होगा. मार्च 2026 से श्रद्धालुओं को संग्रहालय में जाने की व्यवस्था की जाएगी.

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नृपेंद्र मिश्रा ने ये भी कहा कि ‘अब फैसले को चुनौती देने वाला कोई नहीं है, सभी ऐतिहासिक साक्ष्य राम मंदिर परिसर में बन रहे संग्रहालय में संरक्षित किए जाएंगे.’ उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की खुदाई में मिले सभी सबूत वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट के पास सुरक्षित हैं. इतना ही नहीं रामकथा से जुडे दस्तावेजों और अलग-अलग भाषाओं की पांडुलिपियों सहित मूल प्रतियों की प्रमाणित तथ्यपरक जांच के लिए विद्वानों की समिति का गठन किया जाएगा. जो कि दुर्लभ पत्रि‍काओं और मूल प्रतियों की प्रमाणिकता की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी. उसी रिेपोर्ट के आधार पर मंदिर के दूसरे तल मे रखने के लिए चयन किया जाएगा.