रायपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती पर राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में शामिल नेशनल मूवमेंट फ्रंट के अध्यक्ष और इतिहासकार सौरभ बाजपेयी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ नेहरू और महात्मा गांधी के रिश्ते को उकेरने के साथ भाजपा की नायक हड़प की आलोचना करते हुए इसे रोकने पर जोर दिया.
सौरभ बाजपेयी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मीडिया पराक्रम दिवस मना रहा है. इंडियन नेशनल आर्मी की टोपी पहनकर नेताजी के वारिस घोषित कर दिया. एक साथ लड़ रहे थे, या एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे थे. नेताजी को हड़प रहे हैं. लार्ड डलहौजी की डॉक्टरीन ऑफ लेप्स के तहत राज्य हड़प की नीति चला रहे हैं. ये उनके मानस हैं. नायक हड़प की नीति चल रही है.
नेताजी इंडियन नेशनल आर्मी के दौरान नारा बनाया था. आज जो हड़प रहे हैं, उनका राजनीति लड़ाई में क्या योगदान है. हड़पने वालों ने 90 साल में क्या किया. जय हिंद का स्लोगन दिया था. क्या नेताजी को हड़पने वाले क्या जय हिंद का नारा लगाएंगे? राष्ट्रवाद की परिभाषा को बदलने की कोशिश की जा रही है. नायक हड़प को रोकना होगा.
नेताजी और नेहरू ने 20 और 30 के दशक में मिलकर युवाओं को आज़ादी की लड़ाई में जोड़ा. गांधी को राष्ट्रपिता कहा. जून 1940 में गांधी कहते हैं कि अपने विद्रोही बेटे को शुभकामना संदेश देने वाला पहला शख्स होऊंगा. गांधी जी कहते थे देश लड़ने के लिए तैयार नहीं है. सुभाष लगातार लड़ना चाहते थे. ये मतभेद थे.
भाजपा की आईटी सेल को सपना आता है, और वो गल्प इतिहास लिखने लगते हैं. वाट्सएप की पालिसी से पहले पालिसी बनाने से पहले आईटी सेल ने तीन साल में 9 लाख 36 वाट्सएप ग्रुप बना लिए थे. नेताजी के आज़ाद हिंद फौज का झंडा दहाड़ता हुआ शेर बना है. सुभाष बोस कहते हैं कि ये टीपू सुल्तान के झंडे से लिया है.