रायपुर. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को चिट्ठी लिखकर नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के मसौदे पर गंभीर चिंताए जाहिर की है. उन्होंने इससे नागरिकों के व्यक्तिगत संवैधानिक अधिकारों के हनन होने की आशंका जताई है. चिट्ठी में टीएस सिंहदेव ने आशंका जताई है कि इस मसौदे के ज़रिए लोगों पर निगरानी रखी जा सकती है.
टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ मंत्री को तीन पन्ने का खत लिखा है. जिसमें उन्होंने प्रस्तावित नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के नेशनल हेल्थ डेटा मैनेजमेंट पॉलिसी पर सात बिंदुओं में अपनी गंभीर आपत्तियां दर्ज कराई हैं.
टीएस सिंहदेव ने इस मसौसे पर लोगों की प्रतिक्रियाओं और राय बुलाने के लिए एक हफ्ते का वक्त रखने पर आपत्ति दर्ज कराई है. टीएस सिंहदेव ने कहा कि इसे कम से कम मौजूदा हालात के मद्देनज़र तीन महीने रखना चाहिए. टीएस ने कहा कि मौजूदा ड्राफ्ट टेलीकॉम या आईटी सेक्टर के लिए बढ़िया हो सकता है लेकिन इसके ज़रिए स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी का मकसद नहीं हासिल किया जा सकता.
टीएस सिंहदेव ने पूछा कि प्रस्तावित मसौदे के मुताबिक सरकार किसी की जाति, धर्म, लिंग, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की विस्तृत जानकारी लेकर क्या करेगी. टीएस सिंहदेव ने इसमें राज्यों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि मौजूदा मसौदे पर विश्लेषण करने के बाद इस पर व्यापक चर्चा कराई जानी चाहिए.