शिवम मिश्रा, रायपुर। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने पर पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान दिया है. सिंहदेव ने कहा है कि जनता को ऐसे लोगों को सबक सिखाना चाहिए जो एक दल से दूसरे दल में जाते हैं. चाहे वो कांग्रेस से भाजपा में जाएं या फिर भाजपा से कांग्रेस में आएं.

सिंहदेव ने कहा कि किसी के भी बिछड़ना का दुख तो होता ही है और बीजेपी पर जाना वो भी ऐसे वरिष्ठ कांग्रेस लीडर का जिनके लिए कांग्रेस ने बहुत कुछ किया उनके पिताजी कांग्रेस के निकटतम रहे स्वयं आखिर आदित्य 18 साल से कांग्रेस में सांसद, मंत्री रहे पार्टी ने उनको हर तरफ वजन दिया आठ मंत्रियों को उनकी सलाह पर मध्य प्रदेश की सरकार में शामिल किया गया. मेरे हिसाब से उन्हें इस तरह का निर्णय नहीं लेना चाहिए था कैसे कोई व्यक्ति जाकर जिम्मेदारी से काम करेगा जो उनकी कमियों को काम करने के तरीकों को सार्वजनिक तौर पर निंदा करता था भारतीय जनता मैं अगर किसी पार्टी के नीतियों के विरोध में काम करता हूं तो कल किस मुंह पर जाकर उस पार्टी के कामों का गुणगान करूंगा. सबसे दुखद ये है कि सबका व्यक्तिगत संबंध होता है इसलिए मैंने भी दुख प्रकट किया था.

भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह क्या भूख है कि आने वाले हजारों साल तक प्रजातंत्र पर कब्जा करके रखेंगे यह क्या भूख है कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे ऐसी भूख तो मैंने कभी नहीं देखी. ये भावना प्रजातंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं है.

पूर्व मंत्री राजेश मूणत द्वारा फेसबुक में किये गए पोस्टों के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं तो खुद केवल एक विधायक हूं. इस तरह की ऐसी अटकलें लगा भी रहे हो तो बता दू मेरे लिए एक ही जीवन होता है और उस जीवन में भारतीय जनता पार्टी के साथ काम करने का नहीं सोच सकता. अगर मेरे 100 जीवन भी होंगे तो भी मैं उस विचारधारा के साथ कभी नहीं रहूंगा. राजनीति में जिस दिन मेरी उपयोगिता नहीं रहेगी उस दिन मैं घर बैठ सकता हूं लेकिन भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं हो सकता. कोई व्यक्ति अगर सीएम नहीं बना तो वह भाजपा में चले जाए उस व्यक्ति को तो कभी सीएम नहीं बनना चाहिए. कोई अगर कांग्रेस से हट कर भाजपा में ओर भाजपा से जाकर कांग्रेस से चुनाव लड़े तो उसे जरूर हारना चाहिए. मतदाताओं की ऐसा संकेत जरूर देना चाहिए.

कोई एक आदमी कैप्टन बना रहे यह कभी नहीं हो सकता आदान-प्रदान चलता रहता है. नए आते है पुरानो को भी मौका मिलता है. गावस्कर कप्तान थे तो उनके रहते रहते कपिल को मौका मिला कि नहीं तो यह होता रहता है.