CG Exclusive: प्रतीक चौहान. होटल में काम करने वाले वेटर को फर्जी टीटीई समझ कर उसके साथ न केवल मारपीट की गई, बल्कि रेलवे की पूछताछ के चक्कर में उसकी गर्लफ्रेंड भी उसे छोड़कर चली गई. ये पूरा वाक्या रायपुर रेलवे स्टेशन का है. वहीं इस मामले में दो टीटीई भी सस्पेंड हो गए.

 लल्लूराम डॉट कॉम को पता चला कि 28 दिसंबर को एक युवक जांजगीर-चांपा से रायपुर अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आया था. उसके बैग में करीब 6 हजार रूपए थे. चूंकि गर्लफ्रेंड से मिलने आ रहा था, इसलिए उसने काला कोट पहना (3 पीस वाला) था. वो पेशे से वेटर था, इसलिए उसके पास ये कोट मौजूद था. दूसरा पीड़ित वेटर की मां ने उसकी स्वेटर धो ली थी, इसलिए उसके पास कोई और कपड़े नहीं थे तो उसने अपनी वेटर वाली ड्रेस पहन ली.

 थोड़े से ओवरकांफिडेंट के चक्कर में उसने रायपुर आने की टिकट नहीं ली. ट्रेन में चढ़ने के बाद उसे ये डर भी लगा कि कही टीटीई ने उसे पकड़ लिया तो ? इसके बाद उसने ट्रेन में यात्रा कर रहे तीन-चार युवकों से पूछा कि उनके पास टिकट है क्या? जवाब मिला है. बस इसी बात पर युवकों ने उसे टीटीई समझ लिया.

इसके बाद जब असली टीटीई आया तो युवकों ने ये कह दिया कि ट्रेन में एक फर्जी टीटीई है, जिसने हम लोगों से टीटीई बनकर टिकट पूछी.

वेटर से जमकर हुई मारपीट, 5 हजार भी गायब

लल्लूराम के पास मौजूद वेटर के कबूलनामे के मुताबिक उक्त ट्रेन में आए टीटीई ने बिलासपुर से भाटापारा रेलवे स्टेशन के बीच में टीटीई आया था. उसके बाद उसे स्टेशन में उतारा गया. इस दौरान उसके साथ जमकर मारपीट हुई और उसके बैग में रखे 5 हजार रूपए भी गायब हो गए. हालांकि इस मामले में पीड़ित की कही कोई सुनवाई नहीं है और रेल अफसर पीड़ित को मीडिया से बचाते रहे और लल्लूराम टीम को देखकर पीड़ित को गुमराह कर छोड़ दिया गया.

चली गई गर्लफ्रेंड

इसके बाद पीड़ित को रायपुर लाया गया, जहां उसके इंतेजार में पहले से उसकी गर्लफ्रेंड भी मौजूद थी. लेकिन आरपीएफ और टीटीई ने जिस तरह से घेरकर उसे पकड़ा था, ये सब देखकर उसकी गर्लफ्रेंड भी डर गई और वो भी वहां से चली गई.

टीटीई को किया सस्पेंड

अब जब वेटर को रायपुर रेलवे स्टेशन में उतारा गया, उसके पास से फर्जी टीटीई होने के कोई भी प्रमाण नहीं मिले. उसे आरपीएफ और टीटीई, जीआरपी थाने लेकर पहुंचे. जीआरपी ने भी फर्जी टीटीई के कोई प्रमाण न मिलने पर केस दर्ज करने से मना कर दिया तो टीटीई ने उक्त वेटर को बिना टिकट का चालान वसूलकर छोड़ दिया. देर शाम पूरा मामला सीनियर डीसीएम तक पहुंचा, बिना जांच-पड़ताल के उन्होंने दो एक सीटीआई समेत टीटीई को सस्पेंड कर दिया, जबकि ट्रेन के जिस टीटीई पर मारपीट का आरोप लगा है उसके खिलाफ कोई भी जांच नहीं की. लेकिन पूरा मामला लल्लूराम डॉट कॉम के संज्ञान में आने के बाद टीम जब पड़ताल करने पहुंची तो न केवल वेटर को छोड़ दिया गया, बल्कि दो टीटीई का सस्पेंशन भी वापस ले लिया गया. लेकिन उस पीड़ित को न्याय नहीं मिला, जिसके साथ मारपीट हुई और उसके 5 हजार रूपए भी गायब हो गए.