कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नलकूप खनन पर रोक लगा दी गई है। 15 जुलाई तक यह रोक लगाई गई है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रुचिका चौहान ने इसका आदेश जारी किया है। मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत जारी आदेश के बाद जिले में निजी नलकूपों के खनन पर आगामी आदेश तक प्रतिबंध लगाया गया है।

जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित

दरअसल, ग्वालियर जिले में 15 जुलाई और मानसून में पर्याप्त वर्षा होने तक नलकूप खनन पर रोक लगाई गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रुचिका चौहान ने मध्यप्रदेश परिरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर इस उद्देश्य का प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। प्रतिबंध के समय सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर किसी भी उद्देश्य के लिये जिले की सीमा में नए नलकूप खनन नहीं किए जा सकेंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर मध्यप्रदेश परिरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत दो वर्ष तक के कारावास और दो हजार रुपये तक के जुर्माने के दण्ड का प्रावधान है।

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गौरतलब है कि ग्रीष्म ऋतु में पेयजल स्त्रोतों की जल प्रदाय क्षमता घटने, संभावित पेयजल संकट का कारण दर्शाते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री और जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने पेयजल के लिये आम जनता को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उपाय करने के लिये प्रतिवेदन पेश किए थे। इस आधार पर जिला दण्डाधिकारी ने यह आदेश जारी किया है।

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जिसमें स्पष्ट किया गया है कि आदेश लागू होने की तारीख से कोई भी व्यक्ति जिले की भौगोलिक सीमा के अंदर सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा के बगैर नलकूप खनन नहीं कर सकेगा। पेयजल स्त्रोत, सभी नदी, नालों, तालाबों, बावड़ियों आदी का उपयोग सिंचाई, औद्योगिक और व्यवसायिक उद्देश्य में नहीं किया जा सकेगा। इसमें जिले के अंतर्गत सभी निजी वाहन और धुलाई सेंटर भी शामिल हैं।

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